महासमुंद: तमाम कोशिशों के बावजूद कोरोना महामारी का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इस महामारी से हर दिन दुनिया में हजारों लोगों की जान जा रही है. कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए महासमुंद जिला प्रशासन ने एक अच्छी पहल की है. राज्य शासन के निर्देश पर जिले में कोविड-19 अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है, जो लगभग पूरा होने वाला है.
कोविड-19 के इलाज के लिए बनवाया गया अस्पताल कोविड-19 अस्पताल का किया जा रहा निर्माण
अस्पताल में वो सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जो कोविड-19 हॉस्टिटल के लिए जरूरी है. महासमुंद जिले में कोविड-19 का पहला केस 29 मई को आया था. धीरे-धीरे ये आंकड़ा बढ़कर 77 पहुंच गया. इनमें से अब तक 63 लोग स्वस्थ हो चुके हैं, 13 एक्टिव केस हैं और एक की मौत हो चुकी है.
नदियों के नाम कमरों का नामकरण
प्रशासन का कहना है कि आने वाले समय में कोविड-19 के मरीजों की संख्या बढ़ सकती है. ऐसी स्थिति से निपटने के लिए जिला स्तर पर सर्व सुविधा युक्त कोविड-19 अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है. प्रशासन जिला अस्पताल को दो हिस्सों में बांट कर कोविड-19 अस्पताल और नॉन कोविड-19 अस्पताल दोनों का संचालन करेगा. जेएनएम ट्रेनिंग सेंटर के 20 कमरों में 236 बेड का अस्पताल बनाकर तैयार किया गया है. कमरों के नाम छत्तीसगढ़ के नदियों के नाम पर इंद्रावती और महानदी रखा गया है.
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सीसीटीवी की निगरानी में होगा वार्ड
प्रत्येक कमरे में सीसीटीवी, माइक जैसी व्यवस्था की गई है. इन 236 बेड वाले अस्पताल में वे मरीज रखे जाएंगे जो कोविड-19 पॉजिटिव तो होंगे, लेकिन इनमें कोई लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं. इस हॉस्पिटल में चिकित्सक, नर्स, डॉक्टर्स के रुकने का भी इंतजाम किया गया है. कोविड-19 हॉस्पिटल में जिले के चिकित्सक, नर्स की रोटेशन में ड्यूटी लगाई जाएगी. चिकित्सकों को 14 दिन की ड्यूटी के बाद हॉस्पिटल में ही 14 दिन तक क्वॉरेंटाइन किया जाएगा. चिकित्सक, नर्स, मरीज सभी के लिए भोजन-नाश्ते की व्यवस्था उसी कैंपस के अंदर होगी.
पांच वेंटिलेटर का इंतजाम
कोविड-19 अस्पताल के दूसरे हिस्से में 28 बेड का इंतजाम किया गया है. इसमें पांच वेंटीलेटर भी हैं. यहां उन मरीजों को रखा जाएगा जिसको कोविड-19 के अलावा शुगर ब्लड, प्रेशर, अस्थमा जैसी बीमारी है. जिन्हें ज्यादा केयर की जरूरत पड़ती है. अस्पताल के लिए अलग से रास्ते का भी निर्माण किया गया है. कलेक्टर ने बताया कि जल्द ही अस्पताल शुरू हो जाएगा और जो लोग इस काम में मदद करना चाहते हैं वे सिविल सर्जन और जिला पंचायत सीईओ के माध्यम से कर सकते हैं.
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स्वास्थ्यकर्मियोंके काम निर्धारित
इस मुश्किल घड़ी में कई लोग प्रशासन की मदद के लिए आगे भी आए हैं. कुछ लोगों ने अपने पूर्वजों के नाम पर प्रशासन को एसी, पंखा समेत कई सामान दिए हैं. कोविड- 19 हॉस्पिटल में पेशेंट के लिए 16 सामानों का एक किट भी होगा. जिसमें जिसमें तेल, साबुन, टॉवेल, कपड़े आदि होंगे. हॉस्पिटल में सही समय पर सही सुविधा देने के लिए कर्मचारियों से लेकर डॉक्टर तक के काम निर्धारित कर दिए गए हैं.
ऐसे होगा काम
वार्ड ब्वॉय का काम एंबुलेंस से आने वाले पेशेंट को सैनिटाइजर रूम तक ले जाना और जो सुविधाएं वहां हैं, उससे अवगत कराना. इसके साथ ही खाना, टॉवेल और स्वस्थ रहना और उनके साथ सभी प्रक्रिया को कंप्लीट करना होगा. इसके बाद अगला काम आरएचओ का है. उनका काम पेशेंट की एंट्री करना, उसकी हिस्ट्री जानना, किट प्रोवाइड करना और उसे दिमागी रूप से प्रीपेयर करना कि वह जल्द स्वस्थ हो जाएगा. सीएचओ का काम मेडिसिन प्रोवाइड करना, वार्ड ब्वॉय , एनएमआरए चौक के साथ मिलकर हर वर्ग को कंप्लीट करना, पेशेंट को मोरल सपोर्ट करना और डिस्चार्ज तक उनके साथ रहना होगा. डॉक्टर का काम सभी स्टाफ और कोविड-19 अस्पताल पर मॉनिटरिंग करना और कहां पर किन डॉक्टरों का सहयोग लेकर चीजों के सही करना होगा.