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कोरिया: महिलाओं ने रखा कमरछठ का व्रत, संतान की लंबी उम्र की कामना की - Women celebrate festival

महिलाएं हलष्ष्ठी माता की पूजा की और भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्मोत्सव मनाया. जहां हलष्ष्ठी माता की पूजा करके परिवार की खुशहाली और संतान की लंबी उम्र की कामना की.

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महिलाओं ने रखा कमरछठ का व्रत

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Published : Aug 10, 2020, 3:16 AM IST

कोरिया: जिले में महिलाएं हलष्ष्ठी माता की पूजा की और भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्मोत्सव मनाया. बलराम को शेषनाग का अवतार माना जाता है. भगवान विष्णु के अधिकांश अवतारों में शेषनाग किसी न किसी रूप में उनके साथ हमेशा अवतरित हुए हैं. हिंदू धर्म शास्त्रानुसार भगवान बलराम का प्रधान शस्त्र हल और मूसल है. इस दौरान महिलाओं ने पूजा अर्चना कर अपने पुत्रों की दीर्घायु की कामना की.

महिलाओं ने संतान की लंबी उम्र की कामना की

पूजा के दौरान महिलाएं पसहर चावल को पकाकर भोग लगाया. साथ ही भगवान बलराम का जन्मोत्सवशास्त्र के मुताबिक भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्मोत्सव मनाया. मान्यता है कि माता देवकी के 6 पुत्रों को जब कंस ने मार दिया तब पुत्र की रक्षा की कामना के लिए माता देवकी ने भादो कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को षष्ठी देवी की आराधना करते हुए व्रत रखा था. एक और कथा के मुताबिक अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा ने हलषष्ठी का व्रत किया था, जिससे उनका पुत्र परीक्षित जीवित जड़ी-बूटियों का खजाना पुत्र रक्षा के लिए रखते हैं. हलषष्ठी का व्रतएक और किंवदंती है, प्राचीन काल में एक ग्वालन थी.

कोरिया में हलष्ष्ठी माता की पूजा

जमीन को लीपकर छोटा सा गड्ढा खोदकर उसे तालाब का आकार दिया गया

बसंती बर्मन ने बताया कि स्वार्थ के लिए झूठ बोलने को ब्रह्म हत्या के समान समझा जाता है. कभी झूठ न बोलने का प्रण लेते हुए हलषष्ठी का व्रत किया गया. पेड़ के नीचे हलषष्ठी व्रत की विधि महिलाएं पूजा की. जमीन को लीपकर छोटा सा गड्ढा खोदकर उसे तालाब का आकार दिया गया. तालाब में मुरबेरी, ताग और पलाटा की शाखा बांधकर इससे बनाई गई हरछठ को गाड़ इसकी पूजा अर्चना की.

महिलाओं ने अपने पुत्रों की दीर्घायु की कामना की

इसके साथ ही पूजा में चना, जौ, गेहूं, धान चढ़ाने के बाद सूखी धूल, हरी कुजरिया,होली पर भुने हुए चने और जौ की बाली चढ़ाया गया. इसके अलावा महिलाओं ने अपने पुत्रों की दीर्घायु की कामना की.

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