कोरिया: छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना 'बिहान' के तहत कोरिया जिले में महिलाएं अलग-अलग स्वसहायता समूह से जुड़कर गोबर के दीये, कंडे, बंबू क्राफ्ट, कढ़ाई-बुनाई, आकर्षक टेराकोटा से सजावटी सामान, साबुन, फिनाइल, मोमबत्ती, शैंपू, वॉशिंग पाउडर, मसाला सहित कई चीजों का उत्पादन कर रही हैं. स्वसहायता समूह से जुड़ी महिलाएं घरेलू उत्पादों के साथ ही कला से जुड़ी चीजें भी बना रही हैं और अच्छी आय अर्जित कर रही हैं. कभी घर में रहने वाली महिलाएं अब आत्मनिर्भर बन रही हैं.
दीपावली त्योहार के दौरान स्वसहायता समूहों ने गोबर के बने दीये का विक्रय कर कुल 1 लाख 40 हजार रुपये की आमदनी की है. इसके साथ ही कोविड महामारी से लड़ने के लिए मास्क, सैनिटाइजर, हैंडवॉश, हर्बल फिनाइल और हैंड मेड साबुन सहित अन्य उत्पाद भी समूह ने बनाए हैं. महिलाएं गोबर से बने रंग-बिरंगे दीए और टेराकोटा की कलाकृतियों के साथ ही बांस से बने अन्य हस्त निर्मित उत्पाद बेचकर 56 हजार रुपये की कमाई की है. महिलाओं ने सोनहत क्षेत्र में 16 हजार, मनेंद्रगढ़ में 40 हजार और भरतपुर में 28 हजार की कमाई की है. इसी तरह स्थानीय स्तर पर महिलाओं को न सिर्फ स्वरोजगार मिल रहा है, बल्कि वे आर्थिक तौर पर सशक्त और आत्मनिर्भर भी हो रही हैं.