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भरतपुर के जनकपुर में वार्डवासी परेशान, साफ पानी को तरसे - मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर

नवनिर्मित जिले मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के जनकपुर क्षेत्रवासी साफ पानी को तरस रहे हैं.आज भी लोग नहाने से लेकर पीने के पानी तक के लिए घर से दो किलोमीटर दूर बह रही नदी पर निर्भर हैं. वार्डवासी कई बार साफ पानी के लिए स्थानीय स्तर पर गुहार लगा चुके हैं.लेकिन अब तक उनकी आवाज सुनी नहीं गई.

भरतपुर के जनकपुर में वार्डवासी परेशान, साफ पानी को तरसे
भरतपुर के जनकपुर में वार्डवासी परेशान, साफ पानी को तरसे

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Published : Sep 20, 2022, 4:03 PM IST

Updated : Sep 20, 2022, 7:51 PM IST

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : नवनिर्मित जिला एमसीबी जिला मुख्यालय (Manendragarh Chirmiri Bharatpur District) के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र विकासखंड भरतपुर के मुख्यालय जनकपुर का एक ऐसा वार्ड है जहां पीने के पानी के लिए ग्रामीण आज भी परेशान (Ward residents of Janakpur crave clean water)हैं. ग्राम पंचायत जनकपुर के आईटीआई कॉलेज के पास मोहल्ले में सरकारी हैंडपंप या कुंआ नहीं होने के कारण बारह महीने पानी की समस्या बनी रहती है. लगभग 15 घर के लोग आज भी दो किलोमीटर दूर नदी का पानी पीने को मजबूर (clean water in bharatpur ) हैं.

भरतपुर के जनकपुर में वार्डवासी परेशान, साफ पानी को तरसे

बारिश में मुश्किल दोगुनी :बारिश के दिनों में नदी के पानी में मिट्टी घुला होने के कारण पानी का रंग भी लाल हो जाता है. वार्डवासियों को मजबूरन इसी लाल पानी को पीना पड़ता है. दूषित गंदा पानी पीने से कई बीमार हो गए. वहीं जंगल होने के कारण जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है. जब विकासखंड के मुख्यालय की यह स्थिति है तो ग्रामीण क्षेत्रों का क्या हाल होगा यह अंदाजा सहज लगाया जा सकता है. ग्रामीणों ने पानी की समस्या को लेकर ग्राम पंचायत से लेकर विधायक तक आवेदन किया. लेकिन आज तक उनकी बातों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया.

साफ पानी को तरसे
साफ पानी के लिए संघर्ष : आप को बता दे कि भरतपुर विधानसभा के जनकपुर के वार्ड क्रमांक 15 में रहने वाले लोगो को आज भी स्वच्छ पेय जल नसीब नही हो रहा है. यह वार्ड 60 लोगों की जनसख्या वाला वार्ड है. जहां के निवासी दो किलोमीटर का सफर तय करके अपने लिए नदी का पानी भरकर लाते हैं. नदी का पानी पीने से कई बार यहां के लोग बीमार भी पड़ते हैं. लेकिन इन ग्रामीणों की सुनने वाला कोई नही. ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि 'कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को इसकी शिकायत भी कर चुके हैं लेकिन आज तक हमारी किसी ने नहीं सुनी'.
साफ पानी को तरसे
दो किलोमीटर दूर है पानी :वनांचल में होने के कारण पानी के लिए ग्रामीणों को खतरा उठाना पड़ता है.कठिन रास्तों के साथ जंगली जानवरों का भय बना रहता है.इस जगह की दुर्दशा देखने के बाद आपको यकीन हो जाएगा कि जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की कथनी करनी में कितना अंतर है.क्षेत्र की जनता जिस आस में इन जनप्रतिनिधियों को चुनकर क्षेत्र को विकसित उन्नत बनाने के लिए विधानसभा में भेजती है. उस आस को तोड़ने में ये जरा भी देर नहीं लगाते. जनता हर बार ठगी जाती है.
साफ पानी को तरसे
Last Updated : Sep 20, 2022, 7:51 PM IST

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