कोरिया:पंचायत जनप्रतिनिधियों की क्षमता का विकास एवं नेतृत्व विकास के लिए एकता परिषद की ओर से 3 दिवसीय प्रशिक्षण जनकपुर के सामुदायिक भवन में रखा गया. जिसमें मुख्य तौर पर पानी की समस्या, अपने भूमि अधिकार, महिलाओं के सशक्तिकरण एवं आदिवासियों के सशक्तिकरण और ग्राम पंचायत के समग्र विकास, उनके अधिकार और नेतृत्व क्षमता को बढ़ाने के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया है.
एकता परिषद का तीन दिवसीय प्रशिक्षण जनप्रतिनिधियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम
एकता परिषद का तीन दिवसीय प्रशिक्षण इस प्रशिक्षण में जनप्रतिनिधियों को परिचर्चा और संवाद के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया है. इसमें प्रशिक्षण में आए हुए सभी पंचायत जनप्रतिनिधियों को 3 ग्रुपों में बांटा गया है. जिसने पहले ग्रुप का नाम महात्मा गांधी रखा गया. जिन्हें चार्ट पेपर में लिखना था कि हम कब्जे की भूमि का पट्टा कैसे पाएं. वहीम दूसरे ग्रुप का नाम कस्तूरबा गांधी रखा गया, जिन्हें चर्चा के लिए मुद्दा दिया गया कि पानी की समस्या को कैसे सुलझाएं और महिलाओं के सशक्तिकरण की बात लिखी गई. तीसरे समूह का नाम था विनोबा भावे जिसमें गांव का विकास का मुद्दा था.
पढ़ें: शराब के नशे में सड़क पर मरने के लिए घूम रही युवती की पुलिस ने की मदद , प्रेमी के दूर जाने से थी नाराज
ताकि लोगों को मिल सके लाभ
खेल-खेल में जनप्रतिनिधियों की ट्रेनिंग सभी तीनों जनप्रतिनिधियों के समूह ने अपने अपने स्तर पर सीखी हुई सही बातों को दिये चार्ट पर लिखा. एकता परिषद के संयोजक राजेंद्र सिंह चंदेल ने बताया कि आदिवासियों के चतुर्मुखी विकास के लिए यह कार्यक्रम रखा गया है. जिसमें महिलाओं के सशक्तिकरण की बात भी बताई गई है. इसके साथ ही कब्जे की जमीन से कैसे पट्टा प्राप्त कर सकते हैं. इन सब चीजों की विस्तृत जानकारी दी.
जिला जनपद सदस्य रवि शंकर सिंह ने बताया की एकता परिषद के कार्यक्रम में पंचायत जनप्रतिनिधियों की क्षमता का विकास एवं नेतृत्व विकास को बढ़ावा देने और अपने जमीन की रक्षा करने की बात बताई गई. जहां वे गांव की समस्याओं को सुनकर उन्हें लिखकर उनके निराकरण पर चर्चा-परिचर्चा की. एकता परिषद के कार्यक्रम मे भारी संख्या में पंचायत जनप्रतिनिधियों मौजूद रहे.