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गोधन न्याय योजना बनीं बड़ा सहारा, गोबर बेचकर बेटे की भरी मेडिकल कॉलेज की फीस

छत्तीसगढ़ की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना ने कई परिवारों की जिंदगी बदली है. गोधन न्याय योजना की मदद से अब पशुपालकों को गोबर के भी अच्छे दाम मिल रहे हैं. ऐसे ही पशुपालक हैं मनेंद्रगढ़ निवासी संतोष.जिन्होंने गोबर बेचकर अपने बेटे को नीट की कोचिंग करवाई.जिसका नतीजा ये निकला कि पशुपालक का बेटा मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा है.

गोबर बेचकर बेटे की भरी मेडिकल कॉलेज की फीस
गोबर बेचकर बेटे की भरी मेडिकल कॉलेज की फीस

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Published : Nov 18, 2022, 1:30 PM IST

Updated : Nov 18, 2022, 5:27 PM IST

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : छत्तीसगढ़ में शुरू हुई गांव-गांव गोबर खरीदी से ग्रामीणों को कई प्रकार की सुविधाएं मिल रही हैं. गोधन न्याय योजना से मिलने वाली राशि का उपयोग ग्रामीण पशुपालक अब अपने बच्चों की स्कूली पढ़ाई-लिखाई और उच्च शिक्षा के लिए कर रहे हैं. मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के आलोक सिंह का नीट परीक्षा के लिए कोचिंग की फीस और मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए गोधन न्याय योजना से मिली राशि बहुत काम आई (Son medical college fees paid by selling cow dung) है. नगर पालिका मनेन्द्रगढ़ के वार्ड नं 15 के रहने वाले आलोक के पिता संतोष सिंह का मानना है कि उनके जीवन में गोधन न्याय योजना ने खुशियों के रंग भर दिए हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपील की हमेशा योजना चलती रहे जिससे गोपालक को हमेशा लाभ मिलते हैं. (Manendragarh cattle rearer making son doctor )

सीएम भूपेश का जताया आभार :संतोष ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गोधन न्याय योजना सच में हम जैसे जरूरतमंद लोगों के बड़े सपनों को साकार करने वाली योजना है. आपके इस जनहितैषी योजना से आज मेरा भी सपना पूरा हुआ है. उन्होंने बताया कि " आलोक के नीट परीक्षा के कोचिंग के लिए गोधन न्याय योजना की राशि बहुत काम आई. इसी योजना की राशि से कांकेर मेडिकल कॉलेज की फीस भरी गई. आलोक के पिता संतोष बताते हैं कि उन्हें जैसे ही बेटे की सफलता का पता चला पूरे परिवार में खुशियों की लहर दौड़ पड़ी. क्योंकि सभी का चाहते थे कि आलोक डॉक्टर बनकर परिवार का नाम रौशन करे. वे बताते हैं कि परिवार की आर्थिक स्थिति को देखकर हमने कभी नहीं सोचा था कि यह दिन भी आएगा. क्योंकि एक साधारण आठ सदस्यीय पशुपालक परिवार के रूप में यह सोचना भी हमारे लिए सपना था. लेकिन गोधन न्याय योजना से यह सपना आज पूरा हुआ है. (help of Godhan Nyaya Yojana)

मनेंद्रगढ़ के पशुपालक संतोष सिंह
कितने पशु के मालिक हैं संतोष : संतोष ने बताया कि ''उनके पास लगभग 40 पशु हैं. छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना की शुरुआत से वह गोबर विक्रय कर रहे हैं. उन्होंने अब तक कुल 3 लाख 25 हजार रुपए का गोबर बेचा है. उन्होंने बताया कि 12 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आलोक ने राजस्थान स्थित कोटा से नीट की परीक्षा हेतु कोचिंग करने की इच्छा जाहिर की.कोचिंग हेतु फीस का पूरा खर्च गोबर विक्रय से प्राप्त राशि से हो गया.आज बेटे की सफलता ने मुझे गौरवान्वित किया, आलोक का दाखिला कांकेर के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में हो गया है.''

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कोटा में की नीट की कोचिंग :आलोक ने बताया कि उनके पिता ने गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेचकर कोटा में नीट परीक्षा की कोचिंग कराई .अब कांकेर मेडिकल कॉलेज में दाखिला कराया है. अशोक ने भी प्रदेश के मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया. नवगठित मनेन्द्रगढ़- चिरमिरी-भरतपुर जिले के कलेक्टर पीएस ध्रुव ने बताया कि ''गोधन न्याय योजना पशुपालकों के द्वारा 2 रूपए किलो गोबर को गौठान में बेच रहे हैं. इससे पशुपालकों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है. जैसे संतोष सिंह ने 3 लाख 25 हजार रुपए का गोबर बेचा है. जिससे उन्होंने अपने बेटे का कांकेर के मेडिकल कॉलेज में दाखिला कराया है.''

Last Updated : Nov 18, 2022, 5:27 PM IST

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