कोरिया:कोरिया के भरतपुर ब्लॉक का ठिसकोली ग्राम पंचायत काजगों में बिजली से रोशन हो चुका है, लेकिन गांव में बिजली की हकीकत कुछ और ही है. मंगलवार को ETV भारत की टीम स्ठिति का जायजा लेने गांव पहुंची थी. ETV भारत की टीम को देखते ही ग्रामीणों ने कहा कि गांव में कई महीनों से बिजली नहीं है. काफी परेशानी हो रही है. अब हमें बिजली दिला दो. ये सिर्फ एक गांव या पंचायत का मामला नहीं है. ब्लॉक में ऐसे कई गांव हैं, जिनकी स्थिति ठिसकोली गांव की तरह ही है.
इन गांवों में लगे सौर ऊर्जा प्लांट वारंटी में होने के बाद भी सुधार के लिए नहीं भेजे जा रहे हैं. इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. ग्रामीणों की रात पिछले कई महीनों से अंधेरे में गुजर रही है. क्रेडा विभाग के अधिकारियों ने घटिया प्लांट लगाने वाले ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट भी करना जरूरी नहीं समझा. हां ये जरूर किया कि प्लांट की कागजों में ही मरम्मत करवा दी.
फरियाद के बाद भी कोई सुनवाई नहीं
ठिसकोली गांव से 80 किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का बॉर्डर भी है. जहां कई माह से अंधेरा छाया हुआ है. ग्रामीणों को लालटेन युग में जीना पड़ रहा है. छत्तीसगढ़ शासन की प्रमुख सौभाग्य योजना (SAUBHAGYA YOJNA) के तहत हर घर में बिजली पहुंचाने का प्लान है. हालांकि यहां लाइट नहीं होने के कारण जंगली जानवरों से खतरा मंडराता रहता है. पार्क परिक्षेत्र होने के कारण यहां आए दिन जानवरों की आवाजाही लगी रहती है. इस संबंध में सुधार के लिए पहले ही ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और क्रेडा विभाग के अधिकारियों को सूचना दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अधिकारी आते हैं और देख कर चले जाते हैं.
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