कोरबा: एसईसीएल ने कुसमुंडा गेवरा परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहिच की थी, लेकिन जिनकी भूमि अधिग्रहण किया गया था, उनको अब तक एसईसीएल प्रबंधन की ओर से नौकरी नहीं दी गई है, जिसकी शिकायत सोमवार को कटघोरा एसडीएम से ग्रामीणों ने की है.
नौकरी के लिए सालों से भटक रहे हैं ग्रामीण, एसईसीएल ने छीनी थी जमीन - भूमि अधिग्रहण
एसईसीएल ने कुसमुंडा गेवरा परियोजना के लिए ग्रामीणों की भूमि अधिग्रहण कर ली थी. बावजूद इसके आज तक ग्रामीणों को नौकरी नहीं मिली है.
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बता दें कि कोरबा जिले की पहचान ऊर्जा धानी के रूप में होती है. यहां एसईसीएल की कई खदानें हैं उसी में से एक है कुसमुंडा गेवरा परियोजना. इस परियोजना को शुरू हुए वैसे तो सालों बीत गए हैं, लेकिन अभी तक जिन ग्रामीणों की भूमि अधिग्रहण की गई थी. उन्हें आज तक नौकरी नहीं मिली है.
गांव वालों का कहना है कि इसकी शिकायत एसईसीएल के जीएम, कोरबा कलेक्टर, कटघोरा एसडीएम से कई बार की जा चुकी है, बावजूद इसके नौकरी नहीं मिली है और दर-दर की ठोकरें खाने को वे मजबूर हैं. अब इन ग्रामीणों के सामने यह समस्या उत्पन्न हो गई है कि जिस भूमि पर खेती कर परिवार का भरण-पोषण हो रहा था. उस जमीन को एसईसीएल ने ले लिया है अब इनके सामने जीविकोपार्जन करने के लिए रोजगार का कोई साधन नहीं है, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति पूरी तरह चरमरा गई है.