कोरिया: फॉसिल पार्क की उपेक्षा के बाद वन मंडल अधिकारी मनेंद्रगढ़ के निर्देश पर उप वन मंडल अधिकारी जनकपुर केएस कंवर और वन परिक्षेत्र अधिकारी हीरालाल सेन ने हसदेव तट पर स्थित मरीन फॉसिल पार्क का निरीक्षण किया. इस दौरान पार्क के रखरखाव को और बेहतर करने के उपाय पर गौर किया गया.
बता दें कि अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा फॉसिल पार्क छत्तीसगढ़ का पहला समुद्री राष्ट्रीय मरीन गोंडवाना फॉसिल पार्क है. राष्ट्रीय मरीन गोंडवाना फॉसिल पार्क आमा खेरवा के पास पंचमुखी हनुमान मंदिर के पास हसदेव नदी और हसिया नाला के बीच स्थित है. इस फॉसिल पार्क की खोज कुछ साल पहले वन विभाग के अधिकारियों ने ही की थी. ऐसे में इसे जियो हेरीटेज सेंटर बनाए जाने पर विचार के लिए वन विभाग के अधिकारियों ने बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पेनी बॉटनी लखनऊ से सलाह ली थी.
टीम ने दिए थे सकारात्मक संदेश
इंस्टीट्यूट ने क्षेत्र की जांच के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम भेजी थी. उन्होंने इस बात की पुष्टि की थी कि इस क्षेत्र का विकास जियो हेरिटेज सेंटर के रूप में किया जाना चाहिए. बता दें कि फॉसिल से तात्पर्य समुद्री जीव जंतु हैं, जो करोड़ों साल पहले समुद्र में रहते थे. प्राकृतिक परिवर्तन और पृथ्वी के पुनर्निर्माण से समुद्र के हटने पर जीवों के अंश पत्थरों के मध्य दबकर यथावत रह गए थे. फॉसिल पृथ्वी के परिवर्तन के वैज्ञानिक साक्ष्य हैं. देश में चार जगहें और हैं, जहां ऐसे जीवाश्म पाए गए हैं. इनमें खेमगांव (सिक्किम), राजहरा (झारखंड ), सुबांसरी(अरुणाचल प्रदेश), दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल) शामिल हैं.