मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में संचालित स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है. जिससे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है. आपको बता दें कि मनेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत पाराडोल के आश्रित ग्राम हरकाटन पारा में संचालित प्राथमिक शाला में पढ़ने वाले बच्चों को शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है. क्योंकि इस स्कूल में बाथरुम की हालत जर्जर है.
मनेंद्रगढ़ के पाराडोल में स्कूल जर्जर, डर के साए में पढ़ रहे बच्चे
छत्तीसगढ़ में सरकार सरकारी स्कूलों का कायाकल्प कर रही है.ताकि बच्चों का भविष्य संवारा जा सके.लेकिन आज भी कई गांवों में स्कूलों की हालत जर्जर है. फंड होने के बाद भी स्कूलों की दशा नहीं सुधरी है. ऐसा ही एक स्कूल मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले में है. जहां पर बच्चे जर्जर बाथरुम, बिना बाउंड्रीवॉल और झाड़ियों के बीच पढ़ाई कर रहे हैं.
स्कूल में दूसरी समस्याएं :स्कूल के आसपास गाजर घास बड़ी तादाद में है. वहीं अगर बाउंड्रीवाल की बात करे तो वह भी आज तक नहीं बनी. सड़क का तो हाल बुरा है क्योंकि सड़क में बड़े बड़े गड्ढे बने हुए हैं. स्कूल में दो शिक्षक हैं. जो बच्चों पर नजर बनाये रहते हैं. क्योंकि स्कूल के आस पास बड़ी-बड़ी झाड़ियां हैं. जिससे जानवरों का डर बना रहता हैं. स्कूल के शिक्षक कई बार संकुल के माध्यम से जानकारी देकर बाथरुम और बाउंड्रीवाल की मांग कर चुके हैं. लेकिन हालात जस के तस हैं.
कहां पर है स्कूल : हरकाटन पारा जो ग्राम पंचायत पाराडोल के अंतर्गत आता है. इसको लेकर ग्राम पंचायत के सरपंच ने प्रस्ताव बनाकर स्थानीय विधायक विनय जायसवाल को भी आवेदन किया गया है. लेकिन आज तक इस पारा में सड़क, बाउंड्रीवाल और बाथरूम को लेकर कोई भी सार्थक पहल नही की गई. वहीं अब देखना है कि जिला प्रशासन किस तरह से स्कूल में सुविधाएं जुटाता है.