कोरिया: प्रदेशभर में कोरोना की दूसरी लहर से मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं. कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरिया में भी संक्रमितों की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिल रहा है. इस बीच सबसे बड़ी समस्या जिले में RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट में देरी को लेकर आ रही है. पिछले दो हफ्ते से 2 हजार से ज्यादा लोगों के रिपोर्ट अटकी पड़ी है. कोरोना की रिपोर्ट में देरी होने से इलाज में भी देरी हो रही है. इतनी अत्यधिक मात्रा में सैंपल के पड़े रहने से अब कोरिया जिला के सभी अस्पतालों ने नए सैंपल लेने से इंकार करना शुरू कर दिया है. जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
कुछ समय पहले जिले के बैकुंठपुर में RT-PCR जांच के लिए लैब की शुरुआत होनी थी. संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव की विशेष पहल से यह संभव होता दिखाई दे रहा था. पिछले साल उन्होंने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री से लेकर कोरबा सांसद से RT-PCR टेस्ट मशीन की मांग की थी. जिसके बाद सभी को उम्मीद थी कि जल्द जांच मशीन की व्यवस्था कराई जाएगी. लेकिन अभी तक लैब तैयार नहीं हुआ है.
मात्र 200 सैंपल अंबिकापुर भेजे जाते हैं
कोरिया जिले से RT-PCR की जांच के लिए अंबिकापुर के वायरोलॉजी लैब में एक बार में मात्र 200 सैंपल ही भेजे जाते हैं. ऐसे में जांच रिपोर्ट आने में काफी समय लग जाता है. सवाल यह भी है कि जिला अस्पताल के लैब में लिए गए सैंपल लंबे समय से बिना फ्रीजर के रखे गए हैं. जिसकी वजह से रिपोर्ट सही आएगी या नहीं यह चिंता का विषय है. फिलहाल कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा अधिकारी अंबिकापुर के वायरोलॉजी लैब में चर्चा करें और ज्यादा से ज्यादा सैंपल भेज कर जांच रिपोर्ट जल्द मंगवाए. ताकि समय पर जांच रिपोर्ट उपलब्ध हो सके.