मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर :चिरमिरी नगर निगम के वार्डवासी इन दिनों गंदे पानी की समस्या से परेशान हैं.बीते एक माह से वार्ड के अंदर गंदे पानी की सप्लाई हो रही है. जिससे लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. वार्डवासियों को डायरिया और टाइफाइड जैसी बीमारियों की शिकायत है.आपको बता दें कि चिरमिरी निगम की जनसंख्या 70 हजार के करीब है. भीषण गर्मी में वार्डों में पानी की सप्लाई ठीक ढंग से नहीं हो पा रही है.वहीं एसईसीएल कॉलोनी और निगम के वार्डों में जो पानी दिया जा रहा है वो पीने योग्य नहीं है.
MCB News : चिरमिरी निगम में गंदे पानी की सप्लाई, बीमारियों के चपेट में रहवासी - चिरमिरी निगम में गंदे पानी की सप्लाई
चिरमिरी नगर निगम में गंदे पानी की सप्लाई से जनता परेशान है.भीषण गर्मी में लोगों के पास गंदे पानी को पीने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है.लिहाजा लोग बीमार पड़ रहे हैं.
करोड़ों खर्च लेकिन परियोजना अधूरी : चिरमिरी में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए शासन ने चिरमिरी जल आवर्धन योजन के लिए अब तक 48 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. लेकिन योजना का काम अधूरा है. जिससे लोग सार्वजनिक नलों का पानी पी रहे हैं. इन नलों से गंदा पानी निकल रहा है. जिसे लेकर क्षेत्र के वार्ड वासियों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा हैं.चिरमिरी पीएचई विभाग के जल शुद्धि केंद्र से ही पानी की सप्लाई चिरमिरी के वार्डों में किया जाता है. लेकिन पिछले एक महीने से पीएचई विभाग भी इस ओर नहीं ध्यान दे रहा.
गंदे पानी से लोग पड़े बीमार :स्थानीय लोगों का कहना है कि '' लगभग एक महीने से पीएचई गंदे पानी की सप्लाई कर रहा है.क्षेत्र में पानी का दूसरा इंतजाम ना होने के कारण लोग गंदे पानी को ही पी रहे हैं. जिससे कई तरह की बीमारियां हो रही हैं. डायरिया और टायफाइड लगातार क्षेत्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है.'' चिरमिरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर जयंत यादव के मुताबिक प्रतिदिन क्षेत्र में 10 से 15 मरीजों की बढ़ोतरी हो रही है.अस्पताल में भर्ती मरीजों ने बताया कि ''हम लोग टाइफाइड के मरीज हैं. वार्ड 02 में एक महीने से गंदे पानी की सप्लाई हो रही है.पीएचई विभाग सप्लाई कर रही है.गंदे पानी को पीने से बीमार पड़े हैं.''
फिल्टर प्लांट में नहीं है केमिस्ट : चिरमिरी में फिल्टर प्लांट के माध्यम से पानी का फिल्टर किया जा रहा है.जिसके बाद पानी की सप्लाई की जा रही है. लेकिन गंदा पानी कहां से आ रहा है. इसकी जांच की जा रही है. आपको बता दें कि चिरमिरी फिल्टर प्लांट प्रयोगशाला में एक भी केमिस्ट नहीं है,जिसके कारण पानी की जांच के लिए बैकुंठपुर लैब पर आश्रित होना पड़ता है. इस वजह से भी पानी की गुणवत्ता का पता नहीं चल पाता.