कोरिया: विकासखंड भरतपुर में कोरोना महामारी को देखते हुए प्रशासन ने सभी क्वॉरेंटाइन सेंटर का निरीक्षण कर भवन का चयन किया, जहां दूसरे राज्य में फंसे लोगों के आने पर उन्हें परिवार समेत क्वॉरेंटाइन किया गया, लेकिन कई जगह भवन की हालत काफी जर्जर है.
बताया जा रहा है ग्राम पंचायत भरतपुर के आदिवासी कन्या आश्रम क्वॉरेंटाइन सेंटर का भवन जर्जर हालत में हैं. यहां भवन के छत से आए दिन प्लास्टर का टुकड़ा गिरता रहता है जिससे क्वॉरेंटाइन परिवार डर के साये में है. छत के नीचे सोने पर इन परिवारों के रातों की नींद उड़ गई है.
बच्चों के बगल में गिरा छत से प्लास्टर का टुकड़ा
भरतपुर में पिछले तीन-चार सालों से ये आदिवासी कन्या आश्रम संचालित हो रहा है जिसमें छोटे-छोटे बच्चे आश्रम में रहकर पढ़ाई कर रहे थे. कोरोना महामारी के चलते इस भवन को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है.यहां रुके परिवार में छोटे-छोटे बच्चे खेल रहे थे कि छत से प्लास्टर का मलबा बच्चों के बगल में गिरा जिससे दुर्घटना होते-होते बची.