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कोरिया: क्वॉरेंटाइन सेंटर में नहीं है सुविधा, दो बच्चों के साथ परेशान है दंपति

कोरिया में जनकपुर के ग्राम पंचायत रांपा में महाराष्ट्र से आई एक दंपति को क्वॉरेंटाइन सेंटर में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. महाराष्ट्र से आए इस परिवार में पति-पत्नी के साथ दो छोटे बच्चे भी हैं. उनका कहना है कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में न साफ पानी की व्यवस्था है, न खाने की. शौचालय की भी साफ-सफाई नहीं की जाती. वहीं ये लोग गर्मी में रहने के मजबूर हैं.

quarantine center of koriya
क्वॉरेंटाइन सेंटर में दो बच्चों के साथ परेशान है दंपति

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Published : May 31, 2020, 8:05 PM IST

कोरिया:कोरोना संकट के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों से प्रवासी मजदूरों और लोगों के आने-जाने का सिलसिला लगातार जारी है. कोरोना संक्रमण से बचने के लिए शासन-प्रशासन ने सारी तैयारियां कर रखी है. सुरक्षा के कई इंतजाम किए गए हैं. बाहर से आने वाले लोगों और मजदूरों के लिए संबंधित शहरों और गांवों में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है, जिससे संक्रमण के खतरे से बचा जा सके. कोरिया में जनकपुर के ग्राम पंचायत रांपा में महाराष्ट्र से आई एक दंपति को क्वॉरेंटाइन सेंटर में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. महाराष्ट्र से आए इस परिवार में पति-पत्नी के साथ दो छोटे बच्चे भी हैं.

क्वॉरेंटाइन सेंटर में दो बच्चों के साथ परेशान है दंपति

दंपति ने बताया कि उन्हें यहां कोई सुविधा नहीं दी जा रही है, खाना भी घर से मंगाकर खा रहे हैं. वहीं गर्मी की वजह से उन्हें जमीन में सोना पड़ रहा है, कुलर की भी व्यवस्था नहीं की गई है. इससे बच्चे बेहद परेशान हो रहे हैं. सरकार के नियमों के मुताबिक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने वाले व्यक्ति को जरूरत की सभी सुविधांए देनी है. जिसके लिए गांवों के सरपंचों और सचिवों को निर्देश भी दिए गए हैं. इसके बावजूद ग्राम पंचायत रांपा में सरपंच की अनदेखी का खामियाजा क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने वाले लोगों को करना पड़ रहा है. वह 6 दिनों से यहां रह रहे हैं.

पढ़ें- प्रवासी मजदूरों को नहीं मिल रहा सामान, शौचालय के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं मजदूर

दंपति के मुताबिक क्वॉरेंटाइन सेंटर में पीने की पानी की भी व्यवस्था नहीं है. वहां मौजूद हैंडपंप से गंदा पानी निकलता है. इसके साथ ही वहां शौचालय की सफाई भी नहीं की जाती. बाहर से आने की वजह से गांववाले उन्हें हीन भावना से देखते हैं और इनकी मदद नहीं की जाती. सरपंच से बात करने पर उसने ठीक से जवाब नहीं भी नहीं दिया. वहीं छोटे-छोटे बच्चों को लेकर ये दंपति इसी तरह दिक्कतों के साथ रहने को मजबूर है.

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