कोरियाःगुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुंठपुर के निर्माण कार्य के नाम खनिज संपदा का जमकर दोहन करने का आरोप लगा है. ये आरोप किसी और पर नहीं बल्कि विभाग पर ही लगा है. राष्ट्रीय उद्यान को हाल ही में प्रदेश का चौथा टाईगर रिजर्व घोषित किया गया है. अब यहां की बेशकीमती खनिज संपदा और खूबसूरत जंगल का जिम्मा जिन जिम्मेदारों को दी गई है, उसी पर इसे मिटाने का आरोप लग रहा है.
पार्क के लिए काटे जा रहे हरे-भरे वृक्ष
पार्क परिक्षेत्र सोनहत के मझगवां सर्किल में चार रपटा का निर्माण किया जा रहा है. जहां जंगल से ही गिट्टी रेत बोल्डर आदि का अवैध उत्खनन किया जा रहा है और आनन-फानन में काम को नवपदस्थ रेंजर के नेतृत्व में कराया जा रहा है. कार्यों में अवरोध उत्पन्न करने वाले कुछ हरे-भरे वृक्षों को भी काटा गया है. पार्क परिक्षेत्र के आसपास निवासरत ग्रामीणों को जंगल से सूखी लकड़ी तक लाने की मनाही है और पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाती है. जब निर्माण कार्यों की बारी आती है तो यहीं अधिकारी धड़ल्ले से उन्हीं बेशकीमती खनिज संपदाओं का दोहन करते हैं और मोटी कमाई करते हैं. ऐसा भी नहीं है कि विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है. बावजूद इसके ऐसे गंभीर मामलों को अनदेखा कर दिया जा रहा है.