एमसीबी:खान नर्सिंग होम के पक्षकार अधिवक्ता अजहर खान ने बताया कि '' 2020 तक के लिए लाइसेंस बना हुआ था. नियमानुसार 24/12/2019 को नवीनीकरण के लिए डीडी वगैरह फार्म A के साथ जिला कार्यालय में जमा कर दिया गया था. कोविड लग जाने की वजह से वहां से किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई. हमारे द्वारा जब पता किया गया तो वहां से बताया गया कि आपकी फाइल नहीं मिल रही है. ऐसा करते करते समय बीतता चला गया. जबकि 1996 के नियमानुसार यदि आपने नवीनीकरण के लिए आवेदन किया है, और वहां से 90 दिन के भीतर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो अपने आप आगामी पांच वर्ष के लिए उसे नवीनीकरण मान लिया जाएगा.उस नियमानुसार नर्सिंग होम रिनुअल है.
ऑनलाइन आवेदन में खुला मामला : अजहर खान के मुताबिक ''पिछले साल नवंबर 22 में कलेक्टर ने एक मीटिंग बुलाई थी. जिसमें नए नियम अनुसार नर्सिंग होम नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन की बात कही गई. उनकी बातों का सम्मान करते हुए ऑनलाइन आवेदन भी कर दिया गया. अभी दो दिन पहले जांच के लिए एक दल आया हुआ था, जिसमें जिला चिकित्सा अधिकारी मौजूद नहीं थे. डीएमए से कोई डॉक्टर जायसवाल आए हुए थे. जब खान नर्सिंग होम ने जांच रिपोर्ट लेने के लिए लोगों से ऑथेंटिक लेटर दिखाने को कहा गया तो उनके द्वारा कोई पत्र नहीं दिखाई गया. बल्कि उनके द्वारा कहा गया कि हमें मौखिक रूप से जांच करने के लिए भेजा गया है. फिर भी जांच करने दिया गया.''