कोरिया:छत्तीसगढ़ के एमसीबी जिले के वनांचल क्षेत्र में तेंदू का फल पककर तैयार हो चुका है. तेंदू के पत्तों से बीड़ी तैयार की जाती है लेकिन इसका फल सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. एमसीबी वनांचल क्षेत्र के आदिवासी के लिए तेंदू फल आय का सबसे बड़ा साधन होता है.
सेहत के लिए लाभकारी: तेंदूफल एक जंगली फल है. ये फल मीठा होने के साथ-साथ स्वादिष्ट भी होता है. इसमें मौजूद मिनरल और विटामिन कई गंभीर बीमारियों को दूर रखता है. तेंदू का फल कई तरह के शारीरिक समस्याओं से लोगों को बचाता है. ये फल नपुंसकता को भी मिटाता है. इसके सेवन से दस्त में लाभ मिलता है. ये फल गर्मी में लू से बचाता है. इस फल के पकने का समय जनवरी से अप्रैल माह तक है.
ग्रामीण अंचलों में आय का साधन:तेंदू का पेड़ छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के जंगलों में पाया जाता है. तेंदू का सेहतमंद फल अच्छी कीमत पर बिकता है. यही कारण है कि ये ग्रामीण अंचल में लोगों की आय का सबसे बड़ा स्रोत है. एमसीबी जिले के हजारों आदिवासी परिवारों के लिए तेंदू पत्ता की तुड़ाई आय का स्रोत है. तेंदूपत्ता के साथ साथ तेंदू का फल ग्रामीणों के लिए आय का स्त्रोत है.
बाजारों में बेचते हैं तेंदू फल:ग्रामीण हमेशा से ही तेंदू के फलों को छोटे छोटे बाजारों में बेचते आ रहे हैं. क्योंकि तेंदू फल में कॉपर, पोटेशियम, सोडियम, कैल्शियम, आयरन, जिंक, विटामिन ई, विटामिन के, विटामिन सी और सेलेनियम जैसे तत्व पाए जाते हैं. ये सभी तत्व स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक हैं. इसके फल और छाल का आयुर्वेदिक महत्व भी है. तेंदू फल की बिक्री से भी एमसीबी के ग्रामीणों को अच्छी आमदनी होती है.