कोरिया:55 कोरोना संक्रमित लोगों के मिलने के कारण ग्राम पंचायत भरतपुर को जिला प्रशासन ने कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है. गांव में आवागमन और व्यावसायिक गतिविधियां पूरी तरह से प्रतिबंध है. गांव में आवाजाही रोकने के लिए महिला गार्ड की ड्यूटी लगाई गई है. सिर्फ इमरजेंसी मेडिकल के लिए ही बाहर निकलने की छूट दी जा रही है. घर पहुंच सेवा के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं को घर पहुंचाया जा रहा है. इमरजेंसी को छोड़कर लोगों का घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित है.
गांव में आने-जाने वाले सभी रास्ते बंद
भरतपुर में पिछले कुछ दिनों से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. गांवों में कोरोना की रफ्तार को देखते हुए जिला प्रशासन ने नियमों का पालन करने के साथ लोगों से घरों में रहने की अपील कर रहे हैं. इसका कुछ असर भी दिख रहा है. ग्राम पंचायत भरतपुर में ग्रामीणों ने गांव के अंदर प्रवेश वाले सभी मार्गों को बैरिकेट्स लगाकर बंद कर दिया है. जिससे गांव के लोग सुरक्षित रहें. गांव के अंदर-बाहर से आने वाले सभी लोगों पर प्रतिबंध है. साथ ही गांव के लोगों को घरों में रहने और बाहर नहीं जाने की सलाह दी गई है. जिससे संक्रमण गांव में अधिक न फैल सके. बिना मास्क के आने वाले लोगों को गांव का सरपंच मास्क दे रहा है.
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बढ़ सकता है कंटेनमेंट जोन
भरतपुर सरपंच ने बताया कि 55 से अधिक कोरोना मरीज गांव में मिल चुके हैं. प्रशासन ने गांव को कंटेनमेंट घोषित कर दिया है. गांव की सुरक्षा के लिए महिला पुलिस की ड्यूटी लगाई गई है. पंचायत को अभी 2 जून तक कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है. स्थिति में सुधार नहीं होने पर कंटेनमेंट की समय सीमा बढ़ाई जाएगी.