कोरिया : जिले के वन परिक्षेत्र कुंवारपुर का एक मामला सामने आया है. जहां वन परिक्षेत्र अधिकारी ने बिना पूर्व सूचना या नोटिस के बरसात के महीने में गरीब का घर गिरा दिया. जबकि उसी जगह पर कई नव निर्माण कार्य अवैध रूप से अभी भी चालू है. जिन पर वन विभाग की मौन स्वीकृति है. हम आपको बता दें कि इस जगह पर कई वर्षों से गरीब मजदूर घर बनाकर रह रहे हैं. जिन्हें आए दिन वन विभाग के अधिकारी परेशान करते (Forest department demolished house in Kunwarpur ) हैं.
कुंवारपुर में तोड़ा गया गरीब का मकान, मनेंद्रगढ़ वनपरिक्षेत्र का मामला - कुंवारपुर में तोड़ा गया गरीब का मकान
कोरिया जिले के कुंवारपुर वन परिक्षेत्र में वनविभाग के अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगा है. बारिश के मौसम में वनविभाग के अधिकारियों ने गरीब का आशियाना तोड़ दिया.दलील ये दी गई कि जिस जगह पर निर्माण किया गया है वो वन विभाग की जमीन है.लेकिन उसी जगह पर कई मकान अब भी सीना ताने खड़े हैं. जिसके बाद वनविभाग की कार्रवाई पर अब सवाल उठने लगे हैं.
बिना नोटिस के गिराए गए मकान :विधायक प्रतिनिधि अंकुर प्रताप सिंह का कहना है कि ''वन परिक्षेत्र अधिकारी ने बिना नोटिस के बरसात के महीने में लोगों का घर गिरा दिया. जिसकी सूचना ग्रामीणों ने फोन पर दी. वन परिक्षेत्र अधिकारी बेघर हुई महिलाओं से अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे. जनप्रतिनिधि के मुताबिक अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करना सही है.लेकिन बारिश के महीने में बिना नोटिस के लोगों को बेघर करना गलत है. साथ ही साथ जब अवैध निर्माण हो रहा था उस वक्त वन विभाग के अधिकारी क्यों सोए थे.''
सरकारी काम में बाधा का आरोप :इस मामले में वन परिक्षेत्र अधिकारी कुवांरपुर (Kunwarpur of Manendragarh) का कहना है कि '' वन मंडलाधिकारी मनेंद्रगढ़ के निर्देश पर हमने वन भूमि पर अवैध कब्जे कर बनाए गए मकान को तोड़ा. जब हमने एक घर तोड़ा तभी मोहल्ले के लोगों ने और जनप्रतिनिधियों ने काम में बाधा डाली.जिसके कारण अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई रोकनी (Manendragarh news ) पड़ी.''