कोरिया : जिले में किसान पानी की वजह से परेशान हैं. बैकुंठपुर (Baikunthpur) में 48 साल पुराना खांडा जलाशय (Khanda Dam) पिछले साल की बारिश में बह गया था. डेम में ज्यादा पानी जमा होने की वजह से जलाशय पूरी तरह से बह गया. बांध के टूटने की वजह से खांडा (Khanda), खोडरी और कसरा क्षेत्र के किसानों की फसल बर्बाद हो गई. इस बार भी किसान फसल लगाने से वंचित रह गए हैं. जलाशय को टूटे 9 महीने से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन अब तक किसी ने भी सुधार कार्य की ओर ध्यान नहीं दिया. जबकि अधिकारी अपना पल्ला झाड़ते हुए शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजने की बात कर रहे हैं. उनका कहना है कि अब तक स्वीकृति नहीं मिली है इस वजह से सुधार का काम रुका हुआ है.
22 सितंबर 2020 को खांड़ा जलाशय का बांध टूट जाने से किसानों की लगी फसल बर्बाद हो गई थी. जब बांध फूटने की जानकारी जिले के अधिकारियों को लगी तब जिले के तत्कालीन कलेक्टर और आला अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधि पहुंचे थे. सभी ने किसानों को आश्वासन दिया था कि जल्द ही बांध बनाया जाएगा. मुआवजे की भी घोषणा की गई. मुआवजा मिला भी लेकिन एक एकड़ के नुकसान में 2 हजार रुपये ही किसानों को मिले.
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नहीं हटाया गया मलबा
प्रशासन ने अब तक बांध में बह कर आई मिट्टी और पत्थर भी साफ नहीं किए हैं. किसानों का कहना है कि इस वजह से वे खेती नहीं कर पा रहे हैं. अधिकारियों के कहना कि बजट का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है, जिसका अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. इस वजह से काम अधूरा है.
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