छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

Koriya news :बैकुंठपुर में खुले में फेंकी गई एक्सपायरी दवा, जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी - SLRM सेंटर बैकुंठपुर

Koriya news छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग में आए दिन ऐसे कई मामले सामने आते हैं, जो सरकारी सिस्टम को आईना दिखाने का काम करते हैं. ताजा मामला कोरिया जिले के District Hospital का है. यहां SLRM सेंटर में बड़ी मात्रा में एक्सपायरी दवाईयां खुले में फेंक दी गईं. Expiry medicine thrown in the open in Baikunthpur इस मामले में जिम्मेदारों ने चुप्पी साध रखी है.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Jan 9, 2023, 4:30 PM IST

कोरिया : जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के तलवापारा SLRM सेंटर (SLRM Center Baikunthpur) में बड़ी मात्रा में एक्सपायरी दवाएं फेकी पाई गई. वहीं जिला अस्पताल बैकुण्ठपुर के सीएस डॉ. ए के करण ने जांच की बात कही है. एक्सपाइरी दवाओं को डिस्पोज करने के लिए सरकार ने नियम बना रखे हैं. लेकिन जिला अस्पताल प्रबंधन ने नियमों का पालन नहीं किया गया. गौ रक्षा वाहिनी के जिलाध्यक्ष अनुराग दुबे एक गौ वंश को दफनाने जेसीबी लेकर SLRM सेंटर बैकुंठपुर पहुंचे तो उन्होंने देखा बड़ी मात्रा में एक्सपायरी दवाओं को खुले में फेंक दिया गया है. सभी जीवन रक्षक दवाईयां सीजीएमएससी (Chhattisgarh Health Department) के तहत सप्लाई की गई थीं. ज्यादातर फेंकी गई दवाएं काफी महंगी हैं. इनमें टेबलेट्स के साथ इंजेक्शन और कई तरह के सर्जिकल आइटम भी है. महत्वपूर्ण बात ये है कि ये दवाएं साल 2014 से 2017 में एक्सपायर हो चुकी थी. लेकिन 5 साल बाद इन्हें फेंका (Expiry medicine thrown in the open in Baikunthpur) गया.

किसने दी अनुमति :District Hospital प्रबंधन ने बड़ी मात्रा में एक्सपाइरी दवाएं फेंकी हैं. ये दवाएं कब और कहां रखी थी ये अधिकारी बता नहीं पा रहे हैं, क्योंकि ये दवाएं बीते 5 साल पुरानी हैं. इन दवाओं को फेंकने की अनुमति किसने दी, ये भी कोई बताने को तैयार नहीं है. जिला अस्पताल के सीएस एके करण का कहना है कि '' इस मामले की जांच करवाएंगे, दवाओं के फेंके जाने के नियमों का पालन नहीं किया गया है.''

ये भी पढ़ें- कोरिया में कोविड के नए वैरिएंट से निपटने की तैयारी पूरी


सिस्टम पर उठे सवाल : गौ रक्षा वाहिनी के जिलाध्यक्ष अनुराग दुबे ने दवाओं के फेंके जाने के मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने बताया कि ''जिला अस्पताल में मरीजों को दवाएं मिलती नहीं है. लोगों को निजी मेडिकल दुकानों के चक्कर काटने पड़ते हैं. जिन दवाओं को फेंका गया है, उनकी खरीदी की भी जांच होनी चाहिए.''Koriya news

ABOUT THE AUTHOR

...view details