कोरिया :जिले में गुरुवार को कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के सैकड़ों कर्मचारियों ने सरकार के नीति का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. बता दें कि इससे पहले 6 जून को कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने अपनी मांग रखी थी. वहीं मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर आक्रोशित कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री के नाम फिर से ज्ञापन सौंपकर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है.
बता दें कि कोरोना महामारी के कारण आर्थिक समस्याओं को देखते हुए भूपेश सरकार ने राज्य के शासकीय कर्मचारियों की वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी है. वित्त विभाग ने कहा है कि, राज्य सरकार के कर्मचारियों को 1 जुलाई, 2020 से मिलने वाली वार्षिक वेतन वृद्धि को अगली सूचना तक स्थगित कर दिया गया है. हालांकि 1 जनवरी 2021 और 1 जुलाई 2021 को रिटायर होने वाले सरकारी कर्मचारियों पर यह रोक लागू नहीं होगी. सरकार के इस फैसले का लगातार विरोध हो रहा है. सरकारी अधिकारी-कर्मचारी इस फैसले को वापस लेने की लगातार मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
आंदोलन की चेतावनी
कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने वार्षिक वेतन वृद्धि रोके जाने का विरोध 10 जून को काली पट्टी लगाकर प्रदर्शन भी किया था, लेकिन सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने गुरुवार यानी 2 जुलाई को फिर से ज्ञापन सौंपा हैं. कर्मचारियों का कहना है कि 1 जुलाई को इंक्रीमेंट का आदेश जारी नहीं हुआ है. इसलिए भारी तादाद में कोरिया के कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर नारेबाजी करते हुए अपनी मांगों को रखा है. साथ ही चेतावनी दी है कि अगर समय पर मांगें नहीं मानी जाएगी तो आने वाले 12 जुलाई को फेडरेशन के पदाधिकारियों की बैठक के बाद कर्मचारी के हित मे आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी.