मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर :दिव्यांग महिला ने ट्राइसाइकिल के लिए हर दरवाजा खटखटाया लेकिन उसे हर जगह निराशा ही हाथ लगी. एमसीबी कलेक्टर के जनदर्शन में भी ट्रायसाइकिल के लिए आवेदन लेकर पहुंची थी, लेकिन यहां भी उसे निराशा हाथ लगी है. पूर्ण रूप से दिव्यांग और फेफड़े की गंभीर बीमारी से ग्रसित महिला पिछले 6 साल से बैटरी चलित ट्राइसिकल के लिए चक्कर काट रही है. इस बार भी वो एमसीबी कलेक्टर के जनदर्शन में ट्राइसाइकिल की उम्मीद लिए पहुंची थी.लेकिन किसी ने भी उसकी नहीं सुनी.Divyang woman needs help from government
क्यों नहीं मिल रही महिला को मदद :ऐसा लगता है कि अब प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल Chief Minister Bhupesh Baghel को स्वयं दिव्यांग महिला की सुध लेनी पड़ेगी, क्योंकि जिले के अफसर मानवीय संवेदनाओं को पूरी तरह से भूल चुके हैं. दिव्यांग होने और फेफड़े की बीमारी से ग्रसित होने की वजह से लकड़ी का सहारा लेकर चल रही मनेंद्रगढ़ में वार्ड क्रमांक 14 निवासी 34 वर्षीय दिव्यांग महिला मीना यादव का दिन अफसरों के चक्कर काटने में बीत रहा है.अफसर उसे सिर्फ इसलिए ट्राइसाइकिल नहीं दे रहे हैं क्योंकि उसके प्रमाण पत्र में 70 फीसदी दिव्यांगता का जिक्र है. बैटरी चलित ट्राइसिकल के लिए 80 फीसदी दिव्यांग होना जरूरी है. एमसीबी कलेक्टर mcb collector के जनदर्शन में संबंधित दिव्यांग महिला ने आवेदन सौंपकर ट्राइसाइकिल और जिंदगी की गाड़ी चलाने के लिए छोटे-मोटे कारोबार के लिए सहायता राशि देने की मांग की.