कोरिया:राज्य सरकार ने दिव्यांग प्रमाण पत्र देखर पेंशन के नाम पर कुछ रुपये देने का प्रावधान कर दिया. ऐसे लोगों के लिए ट्राई साइकिल सहित कुछ अन्य व्यवस्था कर दी जबकि सरकार की ओर से उन्हें मिलने वाली सुविधाएं कागजों पर ही सिमट कर रह गई है. लेकिन जमीनी स्तर पर इनका लाभ उन तक कितना पहुंच रहा है, इस पर गौर करने वाला कोई नहीं है. ऐसा ही एक मामला कोरिया जिले के विकासखंड भरतपुर के ग्राम चिडौला में दिव्यांग नान दाऊ का हैं जो 36 साल बाद भी शासन की मूलभूत योजना से वंचित है.
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दिव्यांग नान दाऊ अब तक नहीं मिला सरकारी योजनाओं का मदद: दरअसल, दिव्यांगों की मदद के लिए सरकार भले कई योजनाएं चलाने का दावा कर रही है. लेकिन जमीनी स्तर पर इनका लाभ उन तक कितना पहुंच रहा है. इस पर गौर करने वाला कोई नहीं है. ऐसे बहुत से दिव्यांग हैं, जो अपनी शारीरिक दिव्यांगता को अभिशाप मानकर बैठ जाते हैं. ऐसा ही एक मामला कोरिया जिले के विकासखंड भरतपुर के ग्राम चिडौला में बौना दिव्यांग नान दाऊ का हैं. आज भी शौचालय जैसी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. नान दाऊ के यहां आज तक शौचालय नहीं होने के कारण दिव्यांग नान दाऊ शौच के लिए दूर जंगल जानें को मजबूर ही नहीं... ट्राई साइकिलिंग को लेकर कई बार ग्राम पंचायत से लेकर जनपद पंचायत तक आवेदन किया. हमेशा की तरह निराशा ही हाथ लगी. वहीं दिव्यांग नान दाऊ का सपना है कि मुझे भी शासन की तरफ से ट्राई साइकिल मिल जाती तो मैं भी घूम-घूम कर कुछ जरूरत का काम कर लेता.