कोरिया: फुटपाथ पर जिंदगी बिताने वाले असहाय गरीबों को कड़ाके की ठंड में रैन बसेरा की छत भी नसीब नहीं हो रही है. वहीं अलाव की व्यवस्था नहीं होने से भी ठंड की रात में गरीब ठिठुर रहे हैं. अब तक प्रशासन की ओर से बंद पड़े रैन बसेरा को खुलवाने की कोई पहल भी नहीं की जा रही है.
रैन बसेरा बना खंडहर
शहर के बीचोंबीच बना रैन बसेरा कड़ाके की ठंड होने के बाद भी बंद है. जो कमरे खुले भी हैं वह धूल से भरे हैं. इन कमरों में न बिस्तर, न पानी-बिजली की व्यवस्था. ऐसे में असहाय आश्रय विहीन लोग और यात्रियों को खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ रही है. इतना ही नहीं कहीं पर रैन बसेरे का बोर्ड भी नहीं लगाया गया है.
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वहीं इस संबंध में नवनिर्वाचित पार्षद का कहना है कि वे अपनी पार्षद निधि से व्यवस्था करेंगे. रैन बसेरे की हालत की बात पर उन्होंने कहा कि इसके लिए नगर पालिका अधिकारी, पूर्व अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए ध्यान नहीं देने की बात कही.