खूंटे पर जल जीवन मिशन, करोड़ों का काम हुआ कूड़ा - Amrit Mission Scheme
Animals Tied In Tap Connection कोरिया में करोड़ों रुपए की अमृत जल जीवन मिशन योजना कूड़े में तब्दील होते नजर आ रही है.अधूरे काम के कारण अब करोड़ों रुपए के नल कनेक्शन जानवरों को बांधने के काम आ रहे हैं. chhattisgarh Shocker
बैकुंठपुर : छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार ने करोड़ों रुपए साफ पानी के लिए खर्च किए. अमृत मिशन योजना के तहत गांवों में पानी की टंकियां बनाई गई. पटना तहसील के 52 पंचायतों में भी करीब 52 करोड़ की राशि खर्च की गई.ताकि ग्रामीणों को साफ पानी मिले.लेकिन पीएचई विभाग की नाकामी इस योजना में साफ देखी जा रही है.क्योंकि घरों के सामने बिना सप्लाई लाइन डाले ही नल की टोंटिया लगाकर चबूतरा बना दिए गए. जिसमें अब ग्रामीण अपने मवेशियों को बांध रहे हैं.
बैल बांधने के काम में आ रहीं टोंटियां
काम अधूरा, अधिकारी सोए :पंचायतों में पाइप लाइन बिछाने का काम अब तक पूरा नहीं हुआ है. जिसकी वजह से नल कनेक्शन के लिए लगे पाइप और चबूतरे अब जानवरों को बांधने के काम में आ रहे हैं.आज भी ग्रामीणों को पुराने जलस्त्रोतों पर निर्भर रहकर अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है. निजी ट्यूबवेल, हैंडपंप और कुआं के इस्तेमाल से ही गांवों में पानी की आपूर्ति हो रही है.
नल कनेक्शन में बंधी बकरी
करोड़ों का काम कूड़े में :ग्राम पंचायत शिवपुर में भी करोड़ों रुपए खर्च करके पानी की बड़ी टंकी बनाई गई है.पंचायत के हर वार्ड में घरों के सामने पानी के लिए पाइप कनेक्शन भी लगा है.लेकिन इन कनेक्शनों से पानी नहीं आता.क्योंकि पानी लाने वाली पाइप लाइन टंकी तक नहीं बिछाई गई है.बात तो ये भी सामने आ रही है कि ठेकेदार ने कागजों में काम पूरा दिखाकर सारी राशि निकाल ली है. लिहाजा जो कनेक्शन घरों के सामने लगे हैं.वो गाय, बैल और बकरियों को बांधने के काम में आने लगे हैं.
जानवर बांधने के काम में आ रहे स्टाम्प पोस्ट :ग्राम पंचायत चिरगुड़ा, कटोरा में भी ओवरहेड पानी टंकी बनाकर गांव के आधे-अधूरे ग्रामीणों के घरों में पाइप लाइन विस्तार कराया गया है.कई जगहों के स्टाम्प पोस्ट तो टूट कर बेकार हो चुके हैं. इसी तरह ग्राम पंचायत छिंदिया, तेंदुआ, डूमरिया, पीपरा, टेंगनी, टेमरी, खोंड़, सावांरावां, करहिया खांड़, बरदिया, कटकोना, मुरमा, अंगा, पूटा, चम्पाझर, डकईपारा, जमगहना, महोरा, अमहर, डबरीपारा, कसरा, तरगंवा, रामपुर, बुड़ार, कुड़ेली सैकड़ों पंचायतों में करोड़ों की योजना कूड़ा बन रही है.