एमसीबी : जिला के विकासखंड भरतपुर के ग्राम बडेरा के शासकीय प्राथमिक शाला स्कूल साफ सफाई कर्मचारी के भरोसे संचालित किया जा रहा है. स्कूल के शिक्षक स्कूल से आए दिन नदारद रहते हैं. वहीं स्कूल के सफाई कर्मचारी भी स्कूल में ताला लगाकर मनमाने तरीके से घूमते हैं. स्कूल की देखरेख करने वाला कोई नहीं है. बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इस स्कूल में मध्यान्ह भोजन से भी बच्चे वंचित हैं.
भगवान भरोसे है स्कूल :बच्चों के परिजनों का कहना है कि ''स्कूल में 2 टीचर हैं. दोनों हफ्ते 10 दिन में एक बार स्कूल आते हैं और घूम फिर कर वापस चले जाते हैं. स्कूल में जब पढ़ाई नहीं होती, टीचर ही नहीं रहते तो हम बच्चों को स्कूल में किसके भरोसे पढ़ने के लिए भेजें. बच्चे स्कूल में खेलते कूदते ही रह जाते हैं. आपस में लड़ते झगड़ते भी हैं देखरेख करने वाला भी कोई नहीं रहता.''
''स्कूल है लेकिन गुरुजी नहीं आते'' : गांव के राम नंदी ने बताया कि '' इस स्कूल में दो गुरुजी की ड्यूटी लगी है. एक चक्रधारी और एक लहरे सर. लेकिन दोनों गुरुजी यहां नहीं रहते हैं. स्कूल में बच्चे आते हैं, लेकिन कोई टीचर ही नहीं रहता है. यहां मध्यान्ह भोजन भी नहीं बनता है. स्कूल में ताला लगा रहता है. इसीलिए हम अपने बच्चों को भी स्कूल नहीं भेजते हैं. एक भी गुरुजी कम से कम रहते तो बच्चों की पढ़ाई होती है.''