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वन विभाग पर पौधरोपण संरक्षण में घपले का आरोप, पेड़ों को बचाने की मुहिम को लगा झटका - plantation campaign at Korea

जंगल को बचाने के उद्देश्य से वन विभाग की तरफ से लाखों रुपये खर्च कर जंगल में लोहे के तार और सीमेंट के पोल गाड़े जा रहे हैं. इस अभियान के तहत 22 हजार पौधों को लगाया जाना है, ताकि वन भूमि को अतिक्रमण से बचाया जा सके. लेकिन यहां फेंसिंग के लिए इस्तेमाल किए जा रहे पोल और तार घटिया क्वालिटी के है. जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

Corruption in tree plantation campaign in Korea
कोरिया में पौधरोपण अभियान में भ्रष्टाचार

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Published : Jun 21, 2021, 4:08 PM IST

कोरिया:जिले में पौधरोपण अभियान (plantation campaign at Korea) को वन विभाग के कर्मचारियों की तरफ से पलीता (Forest Department Officials) लगाया जा रहा है. पौध संरक्षण के लिए लाखों रुपये खर्च करके फेंसिंग के तार लगाए जा रहे हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि इन तारों को बेतरतीब तरीके से लगाया जा रहा है.

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22 हजार पौधों का होना है संरक्षण
जंगल को बचाने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा लाखों रुपये खर्च कर जंगल में लोहे के तार और सीमेंट के पोल गाड़े जा रहे हैं. इस अभियान के अंतर्गत 22 हजार पौधों को लगाया जाना है, ताकि वन भूमि को अतिक्रमण से बचाकर पुनः जंगल में पेड़ों की संख्या बढ़ाई जा सके. हालांकि वन विभाग की तरफ से लगाए जा रहे सीमेंट पोल की गुणवत्ता पर अब सवाल उठने लगे हैं कि इनके संरक्षण में पौधे कितने दिन तक जीवित रह पाएंगे.

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सीमेंट के पोल नहीं है मजबूत
ईटीवी भारत (ETV Bharat) की टीम जब घटनास्थल पर पहुंची तो देखा कि पौधरोपण के लिए लगाए जा रहे पोल को केवल एक फीट गड्डा खोदकर उसे पत्थरों के सहारे खड़ा कर दिया गया है जो छूने मात्र से ही गिर रहे हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि, आने वाली बारिश में मिट्टी के कटाव से स्वतः ये पोल गिर जाएंगे.

पौधरोपण में खर्च हो रहे लाखों रुपये

वन विभाग हर साल वृक्षों की संख्या बढ़ाने के लिए लाखों रुपये खर्च कर रहा है. इन पौधों की सुरक्षा के लिए पोल पर तार की फेंसिंग करवाई जा रही है, परंतु विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही से शासन को लाखों रुपये के नुकसान के साथ वन संपदा का भी नुकसान हो रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि जब फेंसिंग वॉल ही सुरक्षित नहीं रहेगी तो उसमें लगने वाले पौधे कैसे सुरक्षित रह पाएंगे.

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