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हरियर छत्तीसगढ़ योजना की हकीकत: कोरिया में 40 एकड़ में रोपे गए 20 हजार पौधे देखरेख नहीं होने से सूखे

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Published : Jun 3, 2021, 7:38 PM IST

Updated : Jun 3, 2021, 8:49 PM IST

हरियर छत्तीसगढ़ योजना (Harihar Chhattisgarh Yojna) के तहत छत्तीसगढ़ में हर साल सरकार करोड़ों पेड़ लगाने का दावा तो करती है. हालांकि जमीनी स्तर पर कितने पौधे पेड़ का रूप ले रहे हैं. इसका जवाब किसी नेता-मंत्री के पास नहीं है. बौद्ध बिहार के 40 एकड़ जमीन पर ऑक्सीजोन पार्क बनाने के लिए रोपे गए 20 हजार से अधिक पौधे देखरेख नहीं होने से सूख गए हैं. ऑक्सीजोन पार्क बनाने के लिए नगर निगम ने 25 लाख का टेंडर जारी किया था. लाखों रुपए के पौधे देखरेख नहीं होने के कारण बर्बाद हो गए. वहीं अधिकारी अपनी नाकामी से पल्ला छाड़ रहे हैं.

20 thousand saplings planted drought due to lack of care in Koriya
कोरिया में 40 एकड़ में रोपे गए 20 हजार पौधे देखरेख नहीं होने से सूखे

कोरिया:सरकारी खजाने का किस तरह दुरुपयोग होता है. ये आप कोरिया के चिरमिरी नगर निगम के (Chirmiri Municipal Corporation) बौद्ध बिहार में आकर देख सकते हैं. बौद्ध बिहार के 40 एकड़ जमीन पर ऑक्सीजोन पार्क बनाने के लिए 20 हजार से अधिक पौधे लगाए गए थे. आज स्थिति यह है कि देखरेख के अभाव से पौधे सूख गए हैं. यहां हरियाली का नामोनिशान नहीं है. जबकि पौधे लगाने पर लगभग 25 लाख रुपए खर्च किए गए थे. पौधों की सुरक्षा के लिए चारों ओर 8 लाख रुपये खर्च कर सीमेंट के खंभे लगाकर तारों से फेंसिंग कराई गई थी. वह भी गिर चुके हैं. निगम के देखरेख के अभाव से पौधे सूख गए हैं. अब केवल पेड़ों की सूखी टहनी ही नजर आ रही है. लोगों की मानें तो सड़क के किनारे जो पौधे लगाए गए थे, वह अब पेड़ बन गए हैं, लेकिन बौद्ध विहार में लगाए गए पौधे सूख गए हैं. मामले में महापौर कंचन जयसवाल (Mayor Kanchan Jaiswal) का कहना है कि ये मेरे कार्यकाल का नहीं है. मैं इसके बारे में आपको कुछ भी जानकारी नहीं दे पाउंगी.

कोरिया में 40 एकड़ में रोपे गए 20 हजार पौधे देखरेख नहीं होने से सूखे

दो साल में रोपे गए थे 20 हजार पौधे
2015-16 में निगम ने सोनावनी स्थित बौद्ध विहार स्थल के 40 एकड़ भू-भाग पर हरियर छत्तीसगढ़ योजना के आक्सीजोन पार्क बनाने का शुभारंभ करते हुए लगभग 10 हजार पौधों का रोपण कराया गया था. 2017-18 में भी 5 से 10 हजार पौधे इसी स्थल पर रोपे गए थे. निगम की लापरवाही के कारण पौधे सूख गए हैं. गौतम बुद्ध सांस्कृतिक, सामाजिक, शैक्षणिक सेवा समिति के अध्यक्ष मुक्तेश्वर प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि चिरमिरी निगम की लापरवाही से सभी पौधे सूख गए हैं. अगर समय रहते ध्यान दिया जाता तो पौधे बचाए जाते, लेकिन देखरेख कोई नहीं किया और लगाई गई फेंसिंग पोल भी गिर गए हैं.

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निगम की लापरवाही से सूखे पौधेः जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) के जिला अध्यक्ष शाहिद महमूद ने कहा कि पौधे लगाने के लिए 25 लाख रुपये का टेंडर दिया गया था. बौद्ध विहार स्थल को ऑक्सीजोन पार्क बनाया गया था. जहां पर हजारों पेड़ लगाए गए थे. निगम के अधिकारियों की लापरवाही से पौधे सूख गए हैं.

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'मेरे कार्यकाल का नहीं है केस'
मामले में चिरमिरी महापौर कंचन जयसवाल (Chirmiri Mayor Kanchan Jaiswal) ने कहा कि यह पौधारोपण हमारे कार्यकाल का नहीं है. मुझे जानकारी मिली थी कि वहां पर ऑक्सिजोन पार्क बनाने के लिए पौधारोपण किया गया था. महापौर ने कहा जांच करा कर अगर किसी अधिकारी की लापरवाही सामने आती है कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल इसके बारे में आपको कुछ भी नहीं बता पाउंगी.

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हर साल लगाए जाते हैं करोड़ों पेड़, फिर भी घटा जंगल का रकबा

ऐसा पहली बार नहीं है, जब प्रदेश में करोड़ों पेड़ लगाने की तैयारी की गई हो.हर साल वृक्षारोपण किया जाता है. सरकार हर बार करोड़ों पेड़ लगाने का दावा करती है, इसमें अरबों रुपए खर्च भी किए जाते हैं. इसके बावजूद जंगलों का क्षेत्रफल लगातार घटता जा रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल करोड़ों वृक्ष लगाने के बावजूद लगभग 3700 वर्ग किलोमीटर जंगल घट गए हैं.

घटते जंगल को लेकर हाईकोर्ट में लगाई गई थी याचिका

प्रदेश में वृक्षारोपण के बाद भी घटते जंगल को लेकर पूर्व में हाईकोर्ट में एक याचिका भी लगाई गई थी. जिसमें बताया गया था कि छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद लगातार वृक्षारोपण किया जा रहा है. बावजूद इसके 2001 से लेकर 2015 तक लगभग 3 प्रतिशत जंगल यानि कि 3700 वर्ग किलोमीटर जंगल कम हो गए. साल 2017 में आठ करोड़, साल 2016 में 7 करोड़ 60 लाख, साल 2015 में 10 करोड़ पौधे रोपित किए गए थे, इसके बावजूद भी जंगल का रकबा नहीं बढ़ा.

Last Updated : Jun 3, 2021, 8:49 PM IST

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