कोरबा: आमतौर पर सरकारी निविदाएं अनुमानित लागत से न्यूनतम दर पर ठेकेदारों को आवंटित की जाती है. जिससे कि कम से कम सरकारी खर्च में गुणवत्तापूर्ण काम हो सके.लेकिन नगर पालिक निगम कोरबा में एक काम ऐसा है, जिसे 7% की अधिक दर पर निजी ठेका कंपनी को आवंटित किया गया है. जिसके लिए दलील यह दी गयी है कि, इस कार्य की विशेषज्ञता रखने वाले पीएचई विभाग के मापदंडों का पालन करते हुए यह कार्य सबंधित ठेका कंपनी को दिया गया है.
इस तरह समझिए पूरा मामला
दरअसल जिले का सर्वमंगला इमलीछापर मार्ग वर्षों से जर्जर है. यहां फोरलेन सड़क का निर्माण प्रस्तावित है. जिसके लिए 179 करोड़ रुपये की निविदा जारी की जा चुकी है. इस मार्ग में नगर निगम की पाइप लाइन बाधा बन रही है. जिसे की जल आवर्धन योजना फेस टू के तहत कुछ समय पहले बिछाया गया था. अब इस पाइप लाइन विस्थापन के कार्य पर 4 करोड़ रुपये से भी अधिक की राशि खर्च होगी. एसईसीएल ने सड़क निर्माण के लिए प्रशासन को 199 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये थे. इसमें से ही 4 करोड़ रुपये निगम को पाइप लाइन शिफ्टिंग का काम कराने के लिए मिले हैं.
कार्य के संबंध में एमआईसी ने प्रस्ताव पारित किया और ई टेंडरिंग के माध्यम से 397.75 लाख की निविदा आमंत्रण की कार्रवाई की गई थी.
बुंदेलखंड इंजीनियरिंग को 7% ज्यादा की दर पर मिला काम
निविदा मंगाए जाने के बाद सेंट्रल इंडिया इंजीनियरिंग नागपुर, महामाया कंस्ट्रक्शन रायपुर, हिंदी हिमकॉन एसोसिएट्स रायपुर, मेसर्स नागेंद्र कुमार पांडे बिलासपुर, याना एसोसिएशन रायपुर के अलावा बुंदेलखंड इंजीनियरिंग ने निविदा में हिस्सा लिया. ठेकेदारों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का परीक्षण किया गया. जिसमें आम तौर पर अनुमानित लागत से सबसे न्यूनतम दर वाली निविदा पर काम दिए जाते हैं. लेकिन इस निविदा में सभी ने अनुमानित लागत से 23% तक ज्यादा दरों पर निविदा प्रपत्र भरा. सबसे में न्यूनतम दर 7% बुंदेलखंड इंजीनियरिंग ने भरी थी. जिसके कारण यह काम बुंदेलखंड इंजीनियरिंग को आवंटित कर दिया गया.