कोरबा: केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने इस बार बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को घर से ही वोट करने की सुविधा दी है. जिसका लाभ छत्तीसगढ़ के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को भी मिला है. कोरबा जिले में मतदान के दिन से पहले ही इन मतदाताओं का वोट दर्ज कर लिया गया है. मतदान कर्मी खुद मतदान कराने के लिए उनके घर पहुंचे थे. घर से मतदान करने वाले मतदाताओं ने निर्वाचन आयोग की इसके लिए धन्यवाद दिया है. मतदान करने वाले बुजुर्गों और दिव्यांगों का कहना है कि चुनाव आयोग की पहल से उनका वोट पूरा हुआ.
कोरबा में मतदान से पहले बुजुर्गों और दिव्यांगों ने किया मतदान, 141 लोगों ने घर बैठे किया मतदान
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Nov 14, 2023, 1:33 PM IST
Vote From Home Conducted In Korba छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने होम वोटिंग की सुविधा मुहैया कराई है. कोरबा जिले 141 बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं ने इस सुविधा के जरिये घर बैठे ही अपना वोट दिया है. मतदान के दिन से पहले मतदान कर्मी इनके घर पहुंचे और उनका वोट दर्ज किया. चुनाव आयोग की सुविधा से घर बैठे मतदान करने वाले बुजुर्गों ने चुनाव आयोग को इसके लिए धन्यवाद दिया. CG Election 2023
![कोरबा में मतदान से पहले बुजुर्गों और दिव्यांगों ने किया मतदान, 141 लोगों ने घर बैठे किया मतदान 80 to 100 year old elders voted](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/14-11-2023/1200-675-20019131-thumbnail-16x9-mat.jpg)
होम वोटिंग की मिली सुविधा: विधानसभा चुनाव 2023 के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्य निर्वाचन आयोग को दिशा निर्देश जारी किया था. निर्देश के मुताबिक, जो भी वोटर मतदान केद्रों तक जाने में असमर्थ हैं, उनका वोट घर बैठे कराया जाए. जिसके बाद चुनाव आयोग की टीम वोटिंग के दिन से पहले लगातार बुजुर्गों और दिव्यांग मतदातों के घर पहुंच रही है और उनके वोट दर्ज करवा रही है. अब तक 141 लोगों ने इस सुविधा का लाभ उठाते हुए अपना वोट दिया है. वोट देने वाली 92 साल की महिला फूलकुंवर और 90 साल की शकुंतला ने कहा कि लाइन में लगकर वोट देना अब मुश्किल होता है. जो सुविधा दी गई है, वो बढ़िया है.
चुनाव आयोग की पहल को सलाम:आयोग की पहल का लाभ कटघोरा के 88 साल के महावीर अग्रवाल ने भी उठाया. महावीर के परिवार वाले कहते हैं कि आयोग की पहल से ये संभव हुआ है. नहीं तो लोकतंत्र में बुजुर्गों और दिव्यांगों की भागीदारी संभव नहीं हो पाती. होम वोटिंग करने वालों में पाली तानाखार की सबसे बुजुर्ग महिला शिवमूर्ति भी शामिल हैं. जिन्होंने घर से ही अपना वोट डाला. लोकतंत्र के महापर्व में जिस तरह से बुजुर्गों और दिव्यांगजनों की भी भागीदारी चुनाव आयोग ने सुनिश्चित की है, यह काबिले तारीफ है.