कोरबा: जिले के प्रसिद्ध सिद्धपीठ मां मड़वारानी मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. श्रद्धालुओं को नारियल फूल चढ़ाकर माता का दर्शन कराया जा रहा है. जबकि मड़वारानी मंदिर के सामने प्रशासन ने पहले ही बोर्ड लगा दिया गया है कि मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित है, लेकिन इसके बाद भी भक्त मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है. इतना सब होने के बाद भी मंदिर समिति और पुलिस-प्रशासन इससे बेखबर है.
मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ शासन के निर्देशानुसार मंदिर में ज्योति कलश के दर्शन करने के लिए अनुमति नहीं दी गई है, लेकिन मड़वारानी मंदिर में जहां-जहां ज्योति कलश हैं, वहां श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं. स्थानीय लोगों के अलावा दूसरे जिले से भी श्रद्धालुओं ने मां मड़वारानी मंदिर में दर्शन किया. दरअसल मड़वारानी मंदिर का मुख्य द्वार खोल दिया गया है. जिसके कारण कोरोना वायरस के खतरे से बेपरवाह लोग मंदिर में जुट रहे हैं.
प्रशासन के निर्देशों का उल्लंघन
प्रशासन के निर्देशों के मुताबिक कोरोना काल में नवरात्र के दौरान सभी देवी मंदिरों में श्राद्धालुओं का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है. इसके अलावा तमाम तरह की गाइडलाइन है जो प्रशासन ने जारी की है, लेकिन प्रशासन के सख्त निर्देश के बाद भी लोग मंदिर पहुंच रहे हैं. जिससे नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है.
दशहरा को लेकर गाइडलाइन
प्रशासन ने विजयादश्मी को लेकर भी गाइडलाइन जारी किया है. इसके मुताबिक-
- रावण दहन के लिए पुतले की ऊंचाई 10 फीट से ज्यादा न हो.
- पुतला दहन किसी बस्ती या रहवासी इलाके में नहीं किया जाना है, खुली जगह में ही पुतला दहन करना है.
- पुतला दहन कार्यक्रम में समिति के मुख्य पदाधिकारी सहित किसी भी हाल में 50 व्यक्तियों से ज्यादा व्यक्ति शामिल न हो.
- आयोजन के दौरान सिर्फ पूजा करने वाले व्यक्ति शामिल होंगे. अनावश्यक भीड़ एकत्रित न होने देने की जिम्मेदारी आयोजकों की होगी.
- कार्यक्रम का यथासंभव ऑनलाइन माध्यमों की मदद से प्रसारण किया जाना सुनिश्चित करें.
- पुतला दहन के दौरान आयोजन की वीडियोग्राफी कराई जाए.
- आयोजक एक रजिस्टर रखेंगे, जिनमें रावण दहन कार्यक्रम में आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा.
- रावण दहन स्थल से 100 मीटर के दायरे में आवश्यकतानुसार बैरिकेडिंग कराया जाना है.
- एक आयोजन स्थल से दूसरे आयोजन स्थल की दूरी 500 मीटर से कम नहीं होगी.
- इन नियमों के अलावा नवरात्र के लिए बनाई गई गाइडलाइन विजयादशमी पर भी लागू होगी.