कोरबा: देवरमाल गांव के ग्रामीण पानी के लिए भटक रहे हैं. ग्रामीणों को करीब 1 किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है. ठंड के इस मौसम में भी लोगों को रात-दिन पानी की व्यवस्था के लिए परेशान होना पड़ रहा है. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि दूषित पानी पीने से ग्रामीणों की तबीयत भी खराब हो रही है.
1 किमी दूर से पानी लाने को मजबूर हैं ग्रामीण पढ़ें:कोरिया: 8 साल पहले बनी थी टंकी, ग्रामीणों को नहीं मिला नल-जल योजना का लाभ
शो पीस बने नल
ग्रामीणों के मुताबिक नल-जल योजना बंद होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सौर ऊर्जा वाली पानी सप्लाई की जाती थी लेकिन एक साल से यहां नल-जल योजना पूरी तरह बंद है. यहां लगे नल अब शो पीस बनकर रह गए हैं. ग्रामीणों को दूरदराज से पानी लाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
'शौचालय का भी उपयोग नहीं कर पा रहे'
ग्रामीणों ने बताया कि नल-जल योजना के बंद होने से शौचालयों का उपयोग भी नहीं हो पा रहा है. लोगों को शौच के लिए खुले मैदान में जाने को मजबूर होना पड़ रहा है. ऊंचाई वाले क्षेत्रों से पानी भरकर लाने में भी परेशानी हो रही है. किसी के घर में दुख-सुख का कार्यक्रम होता है तो आए हुए मेहमानों के लिए पीने के पानी के इंतजाम में भी दिक्कत होती है.
पढ़ें:सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार को छत्तीसगढ़ की महिलाओं की ये बातें सुननी चाहिए
पेयजल व्यवस्था की मांग
ग्रामीणों के मुताबिक सरपंच से मांग की गई है कि जल्द ही गांव में पेयजल व्यवस्था दुरुस्त की जाए. सरपंच पति लाल सिंह ने बताया कि सौर ऊर्जा वाला नल लगा है. उसमें बदली आने से अच्छे से पानी नहीं देता. इसी वजह से गांव में पानी की समस्या आ रही है. कुछ मोहल्लों में ऊंचाई होने की वजह से जगह-जगह लगे नलों में पानी नहीं जा पा रहा है.