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कोरबा में फर्जी कोरोना रिपोर्ट मामले में दो आरक्षक निलंबित, दो ऑपरेटरों पर FIR

कोरबा में फर्जी कोरोना रिपोर्ट मामले में हैरान करने वाला खुलासा हुआ है. मामले में दो पुलिसकर्मियों की भूमिका उजागर होने के बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है. रिपोर्ट जारी करने वाले दो ऑपरेटर्स पर भी FIR हुई है.

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कोरबा में फर्जी कोरोना रिपोर्ट मामले में दो आरक्षक निलंबित

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Published : May 24, 2021, 2:27 PM IST

कोरबा :जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे. इन सवालों के बीच एक मामला सामने आया जिसमें जिला अस्पताल से दो आरक्षकों ने शराब की अवैध तस्करी में गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट से जमानत दिलाने के लिए फर्जी कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट हासिल की. मामले के उजागर होने के बाद एसपी ने दोनों पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है, जबकि फर्जी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट तैयार करने वाले स्वास्थ्य विभाग के 2 कर्मचारियों पर भी अपराध दर्ज किया गया है.

शराब की अवैध तस्करी में गिरफ्तार आरोपियों की बनाई थी फर्जी कोरोना रिपोर्ट

इस तरह उजागर हुआ मामला
यह मामला तब उजागर हुआ जब मानिकपुर चौकी पुलिस द्वारा 21 मई को 47 लीटर अवैध शराब के साथ पकड़े गए लहूरा यादव और मुकेश सोनी को जमानत देने की बजाय न्यायाधीश ने जेल भेजने के आदेश दिए. जेल वारंट जारी करने के साथ ही पहले इनका कोविड-19 का इलाज कराने कहा गया. आदेश पर दोनों आरोपियों को कोविड-19 अस्पताल ले जाया गया. जहां बवाल मचा.

फर्जी कोरोना रिपोर्ट

दरअसल इन्हें पकड़ने वाले मानिकपुर पुलिस चौकी के आरक्षक योगेश राजपूत और दीप नारायण त्रिपाठी ने कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट न्यायालय में पेश कर जमानत दिलवा देने का भरोसा दिलाया था. इसके लिए 21 मई को आरोपियों को लेकर दोनों पहले जिला अस्पताल पहुंचे. आरोपियों के मुताबिक वे गाड़ी में ही बैठे थे और दोनों आरक्षक अस्पताल के भीतर गए. कुछ देर बाद बिना जांच के ही इनकी पॉजिटिव रिपोर्ट लेकर आरक्षक बाहर निकले. रिपोर्ट तो बन गई पर मामला कोर्ट में बिगड़ गया. आदेशानुसार दोनों आरोपियों को भर्ती कराने सिपेट कोविड अस्पताल लेकर गए तो बिना कोरोना हुए कोरोना का इलाज कराने की बात पर हंगामा मचा.

फर्जी कोरोना रिपोर्ट मामले में दो आरक्षक निलंबित

खबर का असर: कोरोना की फर्जी रिपोर्ट बनाने वाले डॉक्टर की छुट्टी

दोनो आरक्षक निलंबित, ऑपरेटरों पर FIR

मामला उजागर होने के बाद पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने जांच के निर्देश दिए. दोनों आरक्षकों को निलंबित कर लाइन अटैच कर दिया गया है. कोतवाली TI दुर्गेश शर्मा ने बताया कि प्रारम्भिक पड़ताल में जिला अस्पताल में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर हरजीत सिंह राठौर, रजगामार और जिला अस्पताल पुलिस चौकी में पदस्थ नगर सैनिक मनोज निर्मलकर को कोविड-19 के संबंध में गलत दस्तावेज तैयार करने का जिम्मेदार पाया गया है.

दूसरे आरोपी की रिपोर्ट

गलत दस्तावेज बनाने के जुर्म में धारा 167 और दुष्प्रेरण के लिए धारा 109 के तहत रामपुर चौकी में अपराध दर्ज कर लिया गया है. दूसरी ओर दोनों आरक्षकों की भूमिका को भी तलाशा जा रहा है. जांच के बाद इन पर कार्रवाई की जाएगी.

दो ऑपरेटरों पर FIR

दूसरे की आईडी पर जारी की फर्जी रिपोर्ट
अवैध शराब के आरोपियों लहूरा यादव और मुकेश सोनी की जो गलत पॉजिटिव रिपोर्ट जारी की गई है. उसकी आईडी फर्जी है. आईडी नंबर की किट 21 मई को ही पोड़ीबहार निवासी रामकुमार श्रीवास के नाम पर और दूसरी आईडी नीलगिरी बस्ती दर्री निवासी अनीता साहू के नाम पर जारी हुई थी. इन दोनों की रिपोर्ट नेगिटिव आई है. इन्हीं की आईडी को अवैध शराब के दोनों आरोपियों के नाम जनरेट कर कोरोना पॉजिटिव की फर्जी रिपोर्ट तैयार की गई थी.

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