छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

कोरबा किसान ठगी मामला: पहले स्वीकृत कराया लोन फिर ब्लैंक चेक लेकर ठग ने निकाले लाखों रुपए - Latest Korba news

Korba farmer cheating case:कोरबा के राजगामार के पास ग्राम पतरापाली में एक किसान के नाम पर पहली लोग स्वीकृत कराया गया फिर ब्लैंक चेक लेकर ठग ने 3 लाख रुपये की ठगी की.

Korba farmer cheating case
कोरबा किसान ठगी मामला

By

Published : Jan 27, 2022, 7:26 PM IST

कोरबा:प्रदेश में लगातार किसानों से ठगी का मामला सामने आ (Korba farmer cheating case) रहा है. ताजा मामला कोरबा के राजगामार के पास ग्राम पतरापाली का है. जहां के रहवासी किसान मनीराम के नाम पर पहले एजेंट ने बैंक जाकर लोन स्वीकृत कराया. जब लोन स्वीकृत हो गया तो किसान से लिए गए ब्लैंक चेक में अपना नाम भरकर किसान के खाते से 3 लाख रुपये निकाल लिए. किसान ने इसकी शिकायत एसपी से की है. हालांकि अब तक मामले में किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

पहले स्वीकृत कराया लोन फिर ब्लैंक चेक लेकर ठग ने निकाले लाखों रुपए

कोरबा किसान ठगी मामला

पीड़ित किसान मनीराम राठिया ने अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि उसके पास मौजूद उसके स्वामित्व की जमीन पर लोन स्वीकृत कराने के लिए बालकों निवासी एजेंट महेंद्र चंद्रा उसके घर आया. महेंद्र चंद्रा ने केसीसी लोन स्वीकृत भी करा लिया. इसके एवज में सारे कागजात और सारी प्रक्रिया चंद्रा खुद ही बैंक जाकर पूरी कर आता था.
किसान ने बताया कि उसके नाम पर कुल 4 लाख रुपये का लोन स्वीकृत हुआ. जिसके एवज में 10 हजार रुपये कमीशन देने की बात हुई थी. 18 दिसंबर 2021 को किसान के खाते में लोन की स्वीकृत राशि में से 3 लाख रुपये बैंक में डाले गए थे. निशान को इस बात की जानकारी मिली, जिसके कुछ दिन बाद ही चंद्रा किसान को लेकर बैंक भी गया था. बैंक से लोन मिलने के एवज में ब्लैंक चेक भी जमा कराए गए थे. इसी ब्लैंक चेक में से एक चेक को धोखे से महेंद्र चंद्रा अपने पास रख लिया और इसमें अपने भाई का नाम भरकर बैंक से 3 लाख रुपये निकाल लिये.

यह भी पढ़ेंःcyber crime in chhattisgarh : सस्ती दर पर लोन का झांसा दे साइबर ठग कर रहे ठगी, अपनाएं ये तरकीब

पीड़ित ने एसपी से की शिकायत

जब पीड़ित को पता चला तो पहले रामपुर चौकी और उसके बाद एसपी जनदर्शन में इसकी शिकायत की.पीड़ित किसान का का कहना है कि महेंद्र चंद्रा को पुलिस ने बुलाया भी था, लेकिन उसके बाद उसे छोड़ दिया गया. शिकायत के बाद भी मामले में अब तक उचित कार्रवाई नहीं हुई है.

बैंक की भूमिका भी संदिग्ध

प्रदेश में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं, जिसमें भोले-भाले किसानों को अपने झांसे में लेकर एजेंट ठगी का शिकार बना रहे हैं. किसानों के पास जमीन होती है, जिसके एवज में किसान क्रेडिट योजना के तहत उन्हें लोन आसानी से मिल जाता है. इसका फायदा उठाकर एजेंट बैंक से सांठगांठ कर किसानों के नाम पर पहले लोन स्वीकृत कराते हैं फिर उनके खातों से राशि आहरित कर लेते हैं. इसमें बैंक की भूमिका भी बेहद संदिग्ध रहती है. मामले में बैंक का यही कहना है कि किसान द्वारा जारी किए गए एक चेक में तुलसी चंद्रा नामक व्यक्ति का नाम था, जिसके साथ उसने आधार कार्ड भी अटैच किया था. जिसके कारण उसे 3 लाख रुपये का भुगतान किया गया है. नियमानुसार 5 लाख रुपये तक का भुगतान सहकारी बैंक द्वारा किया जा सकता है.

शिकायत के बाद भी पुलिस ने नहीं की कार्रवाई

मामले में लोन स्वीकृत कराने, फिर धोखे से चेक में अपना नाम लिखकर पैसे आहरित कर लेने के एवज में किसान मनीराम ने महेंद्र चंद्रा विरुद्ध एसपी जनदर्शन में लिखित शिकायत की थी. किसान ने यह भी बताया कि आरोपी महेंद्र चंद्रा को पुलिस ने बुलाया भी था. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की.

ABOUT THE AUTHOR

...view details