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वेतन वृद्धि रोकने के खिलाफ भड़का लिपिक संघ, काली पट्टी लगाकर किया प्रदर्शन - Employee against increment stop

छत्तीसगढ़ सरकार के वेतन वृद्धि रोकने के आदेश से प्रदेशभर के अधिकारियों और कर्मचारियों में नाराजगी है. इसे लेकर लिपिक संघ के कर्मचारियों ने बुधवार को भूपेश सरकार के खिलाफ काली पट्टी लगाकर विरोध किया.

korba clerical union protested
कोरबा में लिपिक संघ का विरोध

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Published : Jun 10, 2020, 9:17 PM IST

Updated : Jun 10, 2020, 10:31 PM IST

कोरबा: कोरोना काल में छत्तीसगढ़ सरकार के वेतन वृद्धि नहीं करने के फैसले से कर्मचारियों में आक्रोश है. बुधवार को तीसरे और चौथे वर्ग के अधिकारी-कर्मचारियों ने काली पट्टी लगाकर इस फैसले का विरोध किया. पदाधिकारियों का कहना है कि वे अपने विरोध को तब तक जारी रखेंगे, जब तक सरकार इस फैसले को वापस नहीं ले लेती.

लिपिक संघ का विरोध

प्रदेश लिपिक संघ के प्रांतीय सचिव जेपी खरे ने बताया कि कोरोना से लड़ाई के लिए प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों के 1 दिन के वेतन में कटौती की थी, जिसमें उनकी भी सहमति थी, लेकिन अब कर्मचारियों की वेतन वृद्धि रोकी जा रही है. जिसका वे विरोध करते हैं. जेपी खरे ने बताया कि सरकार ने फैसला लिया है कि सभी कर्मचारियों के वेतन में 2020-21 तक कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी. जिससे हर कर्मचारी को एक लाख से लेकर 2 लाख तक का नुकसान होगा. वहीं छत्तीसगढ़ सरकार के इस फैसले से प्रदेश भर के 5 लाख से ज्यादा कर्मचारी प्रभावित होंगे.

पढे़ं :वेतन वृद्धि रोकने के खिलाफ लिपिक संघ ने सीएम भूपेश बघेल को लिखा पत्र

कर्मचारियों का कहना है कि सरकार कोरोना काल में कई तरह के गैर जरूरी खर्चे कर रही है. उस पर कोई रोक नहीं लगाई गई है. जबकि कर्मचारियों की वेतन वृद्धि पर रोक लगाने का काम सरकार कर रही है, जो गलत है. सरकार को इसे तत्काल वापस लेना चाहिए. साथ ही कर्मचारियों का कहना है कि जब तक सरकार अधिकारी और कर्मचारियों के 24 महीने के वेतन वृद्धि रोकने के फैसले को वापस नहीं ले लेती, तब तक वे विरोध करते रहेंगे. कर्मचारियों ने बताया कि उन्होंने बुधवार को काली पट्टी लगाकर सरकारी कार्यालयों में काम करते हुए विरोध किया है.

Last Updated : Jun 10, 2020, 10:31 PM IST

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