कोरबा: कोरोना काल में छत्तीसगढ़ सरकार के वेतन वृद्धि नहीं करने के फैसले से कर्मचारियों में आक्रोश है. बुधवार को तीसरे और चौथे वर्ग के अधिकारी-कर्मचारियों ने काली पट्टी लगाकर इस फैसले का विरोध किया. पदाधिकारियों का कहना है कि वे अपने विरोध को तब तक जारी रखेंगे, जब तक सरकार इस फैसले को वापस नहीं ले लेती.
प्रदेश लिपिक संघ के प्रांतीय सचिव जेपी खरे ने बताया कि कोरोना से लड़ाई के लिए प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों के 1 दिन के वेतन में कटौती की थी, जिसमें उनकी भी सहमति थी, लेकिन अब कर्मचारियों की वेतन वृद्धि रोकी जा रही है. जिसका वे विरोध करते हैं. जेपी खरे ने बताया कि सरकार ने फैसला लिया है कि सभी कर्मचारियों के वेतन में 2020-21 तक कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी. जिससे हर कर्मचारी को एक लाख से लेकर 2 लाख तक का नुकसान होगा. वहीं छत्तीसगढ़ सरकार के इस फैसले से प्रदेश भर के 5 लाख से ज्यादा कर्मचारी प्रभावित होंगे.