छत्तीसगढ़

chhattisgarh

taikwando state championship 2023: 10 साल की बेटी को प्रेक्टिस करता देख मां ने ली प्रेरणा, ताइक्वांडो चैंपियनशिप में ब्लैक बेल्ट को चटाई धूल

By

Published : Feb 7, 2023, 10:51 AM IST

Updated : Feb 7, 2023, 1:19 PM IST

मां और बेटी का रिश्ता बेहद खास होता है. आमतौर पर मां से बेटियां प्रेरित होती हैं, लेकिन आज जो कहानी हम आपको बताएंगे, उसमें एक मां अपनी 10 साल की बेटी से न सिर्फ इंस्पायर्ड हुई. बल्कि मार्शल आर्ट की विधा वाले ताइक्वांडो के खेल में नौसिखिया होते हुए भी एक मंझी हुई ब्लैक बेल्ट खिलाड़ी को धूल चटा दिया.

taikwando player mother and doughter in korba
ताइक्वांडो स्टेट चैंपियनम मां पिंकी और बेटी अरिश्का

ताइक्वांडो स्टेट चैंपियनम मां पिंकी और बेटी अरिश्का

कोरबा: कोरबा के निहारिका क्षेत्र में ताइक्वांडो खिलाड़ी मां-बेटी रहते हैं. इन्हें हम ताइकांडो मास्टर मां-बेटी इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि 10 साल की अरिश्का ने 1 साल पहले ताइक्वांडो सीखना शुरू किया और अरिश्का स्टेट चैंपियनशिप में जीत दर्ज नहीं कर सकी. लेकिन दिलचस्प यह है कि अरिश्का की मां पिंकी ने अपनी बेटी को देखते हुए न सिर्फ ताइक्वांडो के खेल में खुद को झोंक दिया बल्कि जब स्टेट चैंपियनशिप में उनका मुकाबला एक ब्लैक बेल्टधारी एक्सपर्ट खिलाड़ी से हुआ, तब उन्होंने उसे धूल चटाकर सबको चौंका दिया.

"आगे भी जारी रहेगा खेलना": अपनी जीत पर पिंकी बेहद खुश हैं. पिंकी कहती हैं कि "मेरी बेटी को देखते हुए ही मैंने ताइक्वांडो खेलना शुरू किया था. मैं घर का काम भी संभालती हूं, लेकिन ताइक्वांडो के खेल को देखकर मुझे लगा कि मुझे भी इसे खेलना चाहिए. बेटी के साथ प्रैक्टिस करने लगी. मैंने इसे डेली रूटीन में शामिल कर लिया. अब जब स्टेट चैंपियनशिप हुआ, तब मैंने तीन मुकाबलों में हिस्सा लिया. फाइनल स्टेज में मेरा मुकाबला अपने वर्ग में एक ब्लैक बेल्ट खिलाड़ी से हुआ. शायद यह उनका दिन नहीं था और वह मुझसे हार गईं. मेरे लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है. आगे भी खेल को जारी रखूंगी और कोशिश करूंगी और भी बेहतर प्रदर्शन करुं."

ब्लैक बेल्ट को हराना बड़ी बात: मां-बेटी दोनों को ही गोरु मांझी अपनी एकेडमी में ट्रेनिंग देते हैं. गोरु कहते हैं कि ''अरिश्का ने लगभग साल भर पहले ताइक्वांडो सीखना शुरू किया था. वह ताइकांडो सीख रही है. फिलहाल वह सिर्फ 10 साल की है. बेटी को देखकर मां पिंकी ने भी खेलना शुरू कर दिया. वह भी नियमित तौर पर इसका अभ्यास करने लगी. अब स्टेट चैंपियनशिप में उन्होंने हिस्सा लिया और सरगुजा की एक ब्लैक बेल्ट प्रो खिलाड़ी को हरा दिया.''

"मैं हार गई लेकिन मां की जीत पर खुशी":10 साल की नन्ही अरिश्का कहती है कि ''मैं तो 1 साल से ताइक्वांडो सीख रही हूं. सर के पास नियमित तौर पर अभ्यास कर रही थी. मुझे देखकर मम्मी ने भी ताइक्वांडो खेलाना शुरू कर दिया. स्टेट चैंपियनशिप कंपटीशन में मैं तो हार गई. लेकिन मम्मी ने एक ब्लैक बेल्ट चैंपियन खिलाड़ी को हरा दिया. इससे मैं बहुत खुश हूं."

मार्शल आर्ट की विधा है ताइक्वांडो:कोच गोरु मांझी ने बताया कि "ताइक्वांडो के खेल को मार्शल आर्ट की एक विधा माना जाता है. अब ताइक्वांडो को खेल ओलंपिक्स में भी शामिल किया गया है. कोरबा और आसपास के इलाकों में यह खेल काफी पॉपुलर भी है. हाल ही में कोरबा में ताइक्वांडो की स्टेट चैंपियनशिप का आयोजन हुआ था, जिसमें प्रदेशभर से खिलाड़ियों ने शिरकत की थी. इसी खेल में पिंकी सिद्धू ने पहली बार ताइक्वांडो के खिलाड़ी के तौर पर भाग लिया था."

यह भी पढ़ें:Hockey tournament in Rajnandgaon: राजनांदगांव में 8 से 16 फरवरी तक अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता, देश की 22 टीमें लेंगी हिस्सा

कोच ने नेशनल में बढ़िया परफॉर्म की जताई उम्मीद: कोच गोरु मांझी ने बताया कि "शुरुआती दौर में खिलाड़ी को वाइट या येलो बेल्ट मिलता है. ब्लैक बेल्ट काफी एक्सपर्ट और प्रो खिलाड़ियों को ही दिया जाता है. ऐसा बेहद कम देखने को मिलता है, जब कोई येलो बेल्ट खिलाड़ी किसी ब्लैक बेल्ट खिलाड़ी को हरा दे. यह एक बड़ी उपलब्धि है. हम चाहेंगे कि आगे भी इनका प्रदर्शन ऐसा ही बना रहे और नेशनल में भी वह बढ़िया परफॉर्म करे."





Last Updated : Feb 7, 2023, 1:19 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details