कोरबा:डॉक्टर को यदि धरती का भगवान कहा जाता है, तो नर्स उस भगवान की सहायिका हैं. इनके बिना धरती के भगवान भी असहाय महसूस करते हैं. डॉक्टर मरीज की स्थिति देखने के बाद चले जाते हैं, लेकिन पूरी बीमारी के दौरान मरीज़ की देखभाल कर उन्हें स्वस्थ करने तक की जिम्मेदारी नर्सें निभाती हैं. कोरोना काल में भी मरीज के इलाज से लेकर वैक्सीनेशन तक में जिन्होंने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, वे हैं नर्स. आज दुनिया International Nurse Day मना रही है. इस अवसर पर हम कोरबा जिले की कुछ ऐसी नर्सेज की प्रेरणादायक कहानी बता रहे हैं, जिन्होंने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर पूरे कोरोना काल में न सिर्फ मरीजों की सेवा की, बल्कि अपने परिवार से भी ऊपर मरीजों को रखा.
International Nurse Day: मिलिए कोरोना पॉजिटिव महिलाओं की डिलीवरी कराने वाली नर्स अनीता लकड़ा से
कोरोना ने पति को छीना, अब संक्रमित मरीजों का कर रही हैं इलाज
नर्स संयोगिता ग्वाल
गेवरा के एसईसीएल अस्पताल में पदस्थ हैं संयोगिता ग्वाल. संयोगिता की कहानी इसलिए खास है, क्योंकि जिस कोरोना से लड़ने में वह मरीजों की सहायता कर रही हैं, उसी कोरोना ने उनसे उनके पति को छीन लिया. 21 अगस्त 2020 को संयोगिता के पति सुभाष ग्वाल का निधन हो गया. वह बीमार थे और 4 साल से उनका इलाज सीएमसी वेल्लोर में हो रहा था. संयोगिता के पति कोरोना पीड़ित हुए और दुनिया से विदा हो गए. इतना ही नहीं पति की मौत के बाद जब उनका और उनके दो बेटों का टेस्ट हुआ, तो वे भी पॉजिटिव मिले. लेकिन संयोगिता का जज्बा ही था कि उन्होंने कठिनाई में भी अपनी जिम्मेदारियों को पूरा किया. संयोगिता कहती हैं कि पति की मृत्यु ने उन्हें झकझोर कर रख दिया था, बेटों की चिंता भी थी, लेकिन कोरोना से ठीक होते ही उन्होंने ड्यूटी शुरू कर दी. इससे उन्हें सुकून मिला.