कोरबा: '10 का मुर्गा खाओगे, ऐसी ही रोड पाओगे....' यह वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. वीडियो कोरबा में जर्जर सड़कों की हालत का विरोध कर रहे युवाओं का है. जो इलाके की बदहाल सड़कों के विरोध में यह अनोखा प्रदर्शन कर रहे हैं.
कोरबा के युवाओं के इस विरोध में इस्तेमाल की गई लाइनें '10 का मुर्गा खाओगे...' कहां से ली गई और क्यों ली गई. इसे हर कोई जानना चाहता है. आइए आपको बताते हैं कि इन लाइनों को ही युवाओं ने क्यों चुना? और उस नारे की शुरूआत कैसे हुई?.
कहां से आया नारा, '10 का मुर्गा...'
3 साल पहले 2018 में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के वक्त चुनावी चिकन का जायका लेने वाले मतदाताओं के लिए युवाओं ने यह नारा बनाया है. राज्य में विधानसभा चुनाव के वक्त राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए बहुत सारे प्रलोभन दिए. जिसमें एक था 10 का मुर्गा. इसमें मतदाताओं को एक खास सीरीज वाला 10 रुपए का नोट बांटा गया था. जिसके बारे में चिकन दुकान के संचालकों को पहले ही जानकारी दी गई थी. पार्टी कार्यकर्ताओं के माध्यम से यह नोट जनता तक पहुंचा दिए गए और जब लोग इस नोट को लेकर चिकन दुकान पर जाते तो उन्हें वहां से फ्री में 1 किलो चिकन मिलता था.
'आम' कार्यकताओं ने उठाया मुद्दा
जिसके बाद चुनावों के वक्त चिकन दुकानों पर मेले जैसा माहौल दिखाई दिया था. चुनावी चिकन का जायका लेने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती थी. हालांकि इस वक्त भी ईटीवी भारत ने इस पूरे मामले को एक्सपोज किया था. जिसके बाद कुछ चिकन दुकानों को सील कर निर्वाचन आयोग के निर्देश पर कार्रवाई की गई थी, लेकिन चुनाव के बाद यह मामला शांत हो गया. अब जनसंगठन और आम आदमी पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को फिर से जीवित कर दिया है.
खनिज न्यास से मिले थे 10 करोड़ रुपए
बारिश के मौसम में कोरबा की सड़कों का बुरा हाल है. शहर की सड़कों की स्थिति पिछले 2 साल से बेहद खराब हैं. इसे ठीक करने के लिए जिला खनिज न्यास मद से 10 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की गई थी. इस राशि से कोरबा शहर के आसपास की सड़कों को सुधारे जाने की योजना थी. निहारिका, कोसाबाड़ी, सुभाष चौक, आईटीआई चौक, टीपी नगर, रिकांडों चौक से लेकर रिस्दी तक की सड़कों की मरम्मत की जानी थी. कुछ सड़कों को छोड़ दिया जाए तो इस राशि से अधिकांश सड़कों की मरम्मत को पूरा किया जा चुका है, लेकिन पहली बरसात में डामरीकरण के बाद ही कई स्थानों पर सड़कों की सिल कोट उखड़ गई है. साथ ही बजरी सड़क पर बिखरने से लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है. महाराणा प्रताप चौक घंटाघर रोड का निर्माण अब तक पूरा नहीं हो सका है.
ये सड़कें मरम्मत के बाद भी बर्बाद