छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

कोरबा: सेनोस्फेयर की तस्करी, लापरवाही से हो सकता है बड़ा हादसा - राख डेम सेनोस्फेयर

बिजली घरों से सेनोस्फेयर की तस्करी की जा रही है. पुलिस का कहना है कि वहां कई तरह के जोखिम होते हैं, इसलिए सेनोस्फेयर निकालने के लिए प्रशिक्षित लोगों की सेवाएं ली जाती हैं. बता दें कि राख की बेहद बारीक परत को स्नोस्फेयर कहा जाता है.

smuggling-of-senosphere-in-korba-electricity-home
सेनोस्फेयर की तस्करी

By

Published : May 25, 2020, 8:58 PM IST

कोरबा : बिजली घरों के राख डैम से निकलने वाले सेनोस्फेयर की तस्करी का मामला सामने आया है. तस्करों द्वारा सेनोस्फेयर की तस्करी की जा रही है. ये काम काफी लंबे समय से चल रहा है, जिसमें कई लोगों की मिलीभगत की सूचना है. बता दें कि राख भंडारित डैम से राख की बेहद बारीक परत को सेनोस्फेयर कहा जाता है.

दरअसल, नियमों के तहत बिजली कंपनी सेनोस्फेयर की निकासी के लिए टेंडर निकालती है. टेंडर के आधार पर ही आगे का काम किया जाता है, लेकिन लॉकडाउन के कारण कई तरह की बंदिशें लग गई हैं. इस कारण सेनोस्फेयर की तस्करी की जा रही है. एनटीपीसी सीपत परियोजना से लाए जा रहे ऐसे ही दो वाहन को लोगों ने रजगामार में पकड़ लिया. इसकी सूचना पुलिस को दी गई है. इस मामले को लेकर रजगामार पुलिस चौकी जांच में जुटी है.

सेनोस्फेयर की तस्करी

पढ़ें : छत्तीसगढ़ में मिले 31 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज, अब 216 एक्टिव केस

'दस्तावेजों की मांग की गई है'

डीएसपी रामगोपाल करियारे ने बताया कि सेनोस्फेयर के संबंध में आवश्यक दस्तावेजों की मांग की गई है. जानकारी के अनुसार जिस स्थान पर सेनोस्फेयर मिलता है, वहां कई तरह का जोखिम होता है, इसलिए सेनोस्फेयर निकालने के लिए प्रशिक्षित लोगों की सेवाएं ली जाती हैं. ऐसे में आए दिन अवैध रूप से इसकी तस्करी की घटना संदेह पैदा करती है. इस मामले में नियम की अनदेखी की जा रही है

ABOUT THE AUTHOR

...view details