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कोरबा वन मंडल में 2 हाथी, एक का चल रहा इलाज तो दूसरा मचा रहा उत्पात

कोरबा वनमंडल में 2 हाथी मौजूद हैं. जिनमें से एक बीमार मादा हाथी का वन विभाग इलाज कर रहा है, तो दूसरा हाथी खतरनाक है. वहीं वन विभाग की टीम खतरनाक हाथी को ट्रेस करने में लगी हुई है ताकि कोई जानमाल का नुकसान ना हो.

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Published : Aug 3, 2021, 10:46 PM IST

Updated : Aug 3, 2021, 11:18 PM IST

कोरबा:वन मंडल के जंगलों में 2 हाथी मौजूद हैं. जिनमें से एक बीमार मादा हाथी का वन विभाग इलाज कर रहा है, तो दूसरा हाथी खतरनाक है. जिसका लोकेशन ट्रेस करने में वन विभाग की टीम लगी हुई है. कोरबा वन मंडल के अंतर्गत आने वाले गांव गीतकुंवारी में एक मादा हाथी भटक कर आ गई थी. जोकि काफी उम्र दराज है.

मादा हाथी के स्वास्थ्य में हो रहा सुधार

लगभग डेढ़ हफ्ते पहले गांव गीतकुंवारी के समीप के जंगल में एक मादा हाथी कहीं से भटक कर पहुंची थी. मादा हाथी की उम्र काफी ज्यादा है, वह बूढ़ी हो चुकी है और उसकी तबीयत ठीक नहीं थी. वन विभाग की टीम को इसकी सूचना मिलते ही कर्मचारी माद हाथी के पास पहुंचे. उसके स्वास्थ्य का परीक्षण किया और वेटनरी डॉक्टर से मादा हाथी का इलाज कराया गया. फिलहाल मादा हाथी चलने फिरने में असमर्थ है. वन विभाग उसके इलाज के साथ ही भोजन भी उपलब्ध करा रहा है. उसकी स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जा रही है.

कोरबा वन मंडल में 2 हाथी

धरमजयगढ़ से पहुंचा खतरनाक हाथी

कोरबा वन मंडल में दूसरा दंतैल भी मौजूद है जो काफी आक्रमक है. वन विभाग दंतैल का लोकेशन ट्रेस कर ग्रामीणों को सूचित कर रहा है, ताकि हाथी से होने वाले जनहानि को रोका जा सके. दंतैल धरमजयगढ़ वन मंडल से कोरबा की सीमा में दाखिल हुआ है. वन विभाग की टीम लगातार सक्रिय है.

कोरबा वन मंडल के डीएफओ प्रियंका पांडे ने बताया कि जब भी कोई हाथी पहुंचता है तो सबसे पहले हाथी मित्र दल और वन अमले की सहायता से उसके लोकेशन का पता लगाया जाता है. आसपास के गांव में मुनादी कराकर सूचना दी जाती है. रात को सायरन के माध्यम से भी हाथी को भगाने का प्रयास किया जाता है. प्रयास है कि हाथी से होने वाले जनहानि को रोका जा सके.

Last Updated : Aug 3, 2021, 11:18 PM IST

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