कोरबा:छत्तीसगढ़ की आबादी में कितने प्रतिशत लोगों में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए हर्ड इम्युनिटी आई है, यह परखने के लिए इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने ओडिशा और छत्तीसगढ़ राज्य में संयुक्त टीम बनाकर सीरो सर्विलांस का काम शुरू कर दिया है. ETV भारत ने कोरबा में आई ICMR की सीरो सर्विलांस की टीम से बातचीत की और इसके बारे में जानकारी ली.
छत्तीसगढ़ में ICMR ने शुरू किया सीरो सर्विलेंस का काम सर्विलांस में यह भी पता चलेगा कि प्रदेश में कम्युनिटी ट्रांसमिशन का क्या आंकड़ा है. कम्युनिटी ट्रांसमिशन के जरिए प्रदेश में ज्यादा कोरोना संक्रमण हुआ है. इसके लिए ICMR की टीम हाई रिस्क वाले लोगों के ब्लड सैंपल एकत्र कर रही है. छत्तीसगढ़ में सितंबर महीने के अंत तक सैंपल कलेक्ट करने का कार्य पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य रखा गया है.
सीरो सर्विलेंस के लिए सैंपलिंग लेने की प्रक्रिया शुरू क्या है सीरो सर्विलांस ?
सीरो सर्विलांस में खून का सैंपल लिया जाता है. इसमें पता लगाया जाता है कि शरीर में कोविड-19 वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज बनी है या नहीं. एंटीबॉडी बनने का मतलब है कि कोरोना हुआ और व्यक्ति उससे ठीक भी हो गया.
ICMR की सीरो सर्विलेंस की टीम कोरबा जिले के दो विकास खंडों में 6 क्लस्टर बनाए गए हैं जहां से रेंडमली 500 लोगों के सैंपल ICMR की टीम ने लिए हैं.
कोरबा जिले के 6 क्लस्टर
- भैसमा बरपाली
- दोन्दरो
- कटघोरा
- अरदा
- बतारी
- भिलाईबाजार
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सीरो सर्विलांस में हाई रिस्क ग्रुप के लोगों को शामिल किया गया है. जिसमें कोरोना संक्रमण के दौरान लगातार कार्य करते रहने वाले कर्मचारी शामिल हैं. इनमें ऐसे लोगों को भी शामिल किया गया है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है. हाई रिस्क वाले ग्रुप में कंटेनमेंट जोन के लोग, टीबी और एचआईवी पीड़ित व्यक्ति, स्वास्थ्य कर्मी, सुरक्षाकर्मी, पुलिस, पत्रकार, औद्योगिक कर्मी, वाहन चालक, बैंककर्मी, जेल में बंद कैदी और वृद्धाश्रम सहित दुकानें आदि शामिल हैं.
हर्ड इम्युनिटी के आकड़े निकालने के लिए लिया जा रहा सैंपल सीरो सर्विलांस की मदद से मिलेंगे ये आंकड़े
सीरो सर्विलांस का कार्य केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की पहल पर सबसे पहले दिल्ली में किया गया था. जिसके नतीजों से कोरोना वायरस के पैटर्न को समझने में काफी हद तक मदद मिली थी. इसके बाद ही सीरो सर्विलांस देश के अलग-अलग राज्यों में कराया जा रहा है. इससे कोरोना वायरस के ट्रेंड को समझने में सहायता मिलती है. देश में किए गए पहले सीरो सर्वे के बाद यह पता चला था कि 65 जिलों के सिर्फ 0.73 फीसदी लोग ही कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं.
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सीरो सर्विलांस यह भी पता चलेगा कि कितने प्रतिशत लोग कोरोना वायरस के संक्रमण में है. जबकि कितने लोगों को अब तक कोरोना छू नहीं सका है. सीरो सर्वे के नतीजों के हिसाब से ही स्वास्थ्य सुविधाओं की वर्तमान स्थिति में बदलाव लाया जा सकता है. इस रिसर्च से प्राप्त नतीजों के आधार पर ही संक्रमण को रोकने और उसके नियंत्रण के लिए सटीक रणनीति बनाई जा सकती है. वास्तव में सीरो सर्विलांस से यह पता चलता है कि कितने लोग कोरोना वायरस की चपेट में आए हैं और उनकी बॉडी में एंटीबॉडी बनी है या नहीं.
प्रत्येक जिले से 5000 सैंपल
सीरो सर्विलांस के लिए छत्तीसगढ़ से कुल 5 हजार सैंपल लिए जाने की योजना है. चिन्हित 10 जिलों में से प्रत्येक जिले से 500 सैंपल लिए जा रहे हैं. इन सभी सैंपल को एकत्र कर ICMR इनकी टेस्ट और रिसर्च के बाद विस्तृत रिपोर्ट छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सरकारों को सौंपेगी. इसी रिसर्च के आधार पर कोरोना से निर्णायक जंग के लिए कार्य योजना तैयार की जाएगी.
छत्तीसगढ़ के 10 जिले जहां हो रहा सीरो सर्विलांस
- रायपुर
- बिलासपुर
- कोरबा
- मुंगेली
- जशपुर
- जांजगीर-चांपा
- बलरामपुर
- बलौदाबजार
- राजनांदगांव
- दुर्ग