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अगर हर हॉस्टल करे ऐसी पहल, तो सुरक्षित रहेंगी बेटियां - कोरबा छात्रावास

जिले के कटघोरा छात्रावास में दूरस्थ वनांचल क्षेत्र से अध्यापन करने आए छात्राओं का यहां रहने वाली अधीक्षिका अभिभावक की तरह ही ख्याल रखती है. वो उन्हें स्कूल छोड़ती है. स्कूल से घर लाती है. शासकीय स्कूलों द्वारा किए जा रहे इस पहल को लोगों में खुब सराहा जा रहा है.

छात्रवास के बच्चे

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Published : Oct 15, 2019, 11:50 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 7:14 AM IST

कोरबा: आपने माता-पिता को अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने जाते देखा होगा लेकिन क्या आपने देखा या सुना है कि हॉस्टल की वार्डन या हॉस्टल का ही दूसरा स्टाफ बच्चों को स्कूल छोड़ने आए और फिर स्कूल से वापस लेकर जाए. कटघोरा के कन्या छात्रावास में छात्राओं का कुछ ऐसे ही ख्याल रखा जाता है.

कन्या छात्रावास के छात्रा

नेशनल हाईवे कटघोरा से कोरबा की ओर जाने वाली सड़क पर छात्रावास परिसर है यहां से रोजाना 100 की संख्या में छात्राएं पढ़ने के लिए शासकीय कन्या शाला कटघोरा पहुंचती हैं. बड़े ही व्यवस्थित तरीके से कतारबद्ध कर छात्राओं को हॉस्टल से स्कूल तक पहुंचाया जाता है. उनके साथ हॉस्टर का कोई न कोई स्टाफ जरूर मौजूद होता है.

बच्चों का रखा जा रहा ख्याल
हॉस्टल की अधीक्षिका का कहना है कि बच्चियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने इस तरह की व्यवस्था की है. वहीं इस पहल से बच्चियों के माता-पिता भी अपने बच्चों को लेकर पूरी तरह आश्वस्त रहते हैं. निश्चित ही अगर ऐसी पहल सभी शासकीय स्कूलों में की जाए तो किसी भी तरह की अनहोनी घटना से बचा जा सकता है.

Last Updated : Oct 16, 2019, 7:14 AM IST

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