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Special: कई वर्षों से जर्जर है सर्वाधिक राजस्व पैदा करने वाला कुसमुंडा मार्ग, सिस्टम पर उठे सवाल !

कोरबा के सर्वमंगला से लेकर कुसमुंडा तक जाने वाली सड़क कई वर्षों से जर्जर है. ETV भारत ने सड़क ने निर्माण कार्य को लेकर अधिकारी और जनप्रतिनिधि से बात की है. इस दौरान लोगों ने अपनी परेशानी ETV भारत के साथ साझा की है.

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सालों से जर्जर स्थिति में सड़क

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Published : Dec 19, 2020, 10:05 PM IST

Updated : Dec 20, 2020, 7:10 PM IST

कोरबा: जिले में सड़कों की हालत बेहद खराब है. लगातार शिकायतों, धरना प्रदर्शन और चक्काजाम के बाद भी सड़कों की सूरत नहीं बदल रही है. कोयला परिवहन के जरिये जिले में संभवत: सर्वाधिक राजस्व सरकार को प्रदान करने वाली सर्वमंगला से लेकर कुसमुंडा, इमलीछापर से हरदीबाजार होते हुए गेवरा खदान जाने वाली सड़क पिछले कई सालों से बदहाल है. लोग इन सड़कों पर चलने से भी कतराते हैं. लेकिन मजबूरी में इन रास्तों का उपयोग करना पड़ रहा है.

कोरबा में सड़क बदहाल

बता दें कि लगातार लोगों के दबाव होने के बावजूद SECL के प्रभाव वाले इस सड़क के लिए एसईसीएल की ओर से प्रशासन को 199 करोड़ की राशि जारी की गई थी. 1 साल पहले यह राशि जारी की गई थी. लेकिन अब तक सड़क सूरत नहीं बदली है. मरम्मत का काम तक शुरू नहीं किया गया है.

179 करोड़ की भारी भरकम राशि होगी खर्च

सर्वमंगला से इमलीछापर तक फोरलेन सड़क निर्माण प्रस्तावित है. जबकि हरदीबाजार से तरदा और सर्वमंगला मंदिर तक टू लेन सड़क बनेगी. कुल मिलाकर 27 किलोमीटर की इस सड़क निर्माण के लिए 179 करोड रुपए की राशि खर्च की जानी है. जिले की यह सड़क लगभग 4 सालों से जर्जर हालात में है. साल दर साल सड़क और खराब होती जा रही है.

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बारिश के बाद गर्मी में भी मरम्मत कराने के लिए टेंडर तो बुलाया गया लेकिन समय पर काम ही शुरू नहीं हो सका. सर्वमंगला फोरलेन का ठेका अब जाकर हुआ है, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ. इसी सड़क के जरिए कोयले से लदे भारी वाहन खदानों से कोयला लेकर विभिन्न शहरों तक जाते हैं. एक तरफ यह सड़क कोयला परिवहन के जरिए सरकार को सर्वाधिक राजस्व देती है, लेकिन विडंबना यह है कि इसी सड़क का निर्माण अब तक नहीं हो सका है.

धरना प्रदर्शन सहित चक्का जाम भी किया गया
सड़क के निर्माण के लिए यूथ कांग्रेस ने क्रमिक भूख हड़ताल की थी. एसईसीएल ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही सड़क का निर्माण कराया जाएगा. लेफ्ट नेताओं ने भी इस सड़क के निर्माण के लिए चक्काजाम किया था, जिला पंचायत उपाध्यक्ष भी इस सड़क के जीर्णोद्धार के लिए सड़क पर बैठे थे. एसईसीएल के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और सड़क पर बैठकर ही चौपाल लगाई. लेकिन बावजूद इसके अब तक इस सड़क के निर्माण का कार्य शुरू नहीं हुआ है.

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ठेकेदारी प्रथा के कारण देरी

जब भी सड़क निर्माण का काम शुरू होने की बात सामने आती है. प्रोजेक्ट ठेकेदारी प्रथा में फंस जाती है. कार्य आवंटन को लेकर कई तरह की प्रक्रियाओं को पूरा करना होता है. ठेकेदार तय समय पर काम ही शुरू नहीं करते. कई बार ठेका निरस्त करने की भी नौबत उत्पन्न हो जाती है. प्रशासकीय स्वीकृति के बाद टेंडर प्रक्रिया और फिर कार्य के आदेश जारी होने में काफी समय लग जाता है. जिसके कारण सड़क निर्माण लटका रहता है.

लगातार हो रही दुर्घटनाएं

यह सड़क जिले के सबसे व्यस्ततम मार्गों में से एक है. जिले के पश्चिम क्षेत्र की बड़ी आबादी इसी सड़क से परिवहन करती है. कुसमुंडा गेवरा क्षेत्र से आने वाले लोग इसी सड़क से होकर मुख्यालय तक पहुंचते हैं. सड़क पर भारी वाहनों के साथ ही आम लोग भी बड़ी तादाद में सफर करते हैं. जिसके कारण यहां दुर्घटनाओं का ग्राफ भी बढ़ा हुआ है. नियमित अंतराल पर यह दुर्घटनाएं होती रहती है. कई बार दुर्घटना में लोगों की मौत भी हो चुकी है.

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निर्माण से पहले 20 लाख रुपए मरम्मत पर होंगे खर्च

सड़क के जीर्णोद्धार में अभी काफी समय शेष है. इसके पहले PWD विभाग ने इसके मरम्मत कराने का निर्णय लिया है.इसके लिए 20 लाख रुपए की राशि खर्च की जाएगी. अब परेशानी यह है कि मरम्मत कार्य के लिए पीडब्ल्यूडी को ठेकेदार ही नहीं मिल रहे हैं. जिसके कारण लोगों को अब भी खराब सड़कों से ही आवाजाही करनी पड़ रही है. सालों से इस सड़क की स्थिति ऐसी ही बनी हुई है. पीडब्लूडी के ईई एके वर्मा का कहना है कि सड़कों का काम तेजी से चल रहा है. पीडब्ल्यूडी अपने हिस्से के सड़कों को नए सिरे से बना रही है. सर्वमंगला सड़क को फोरलेन सड़क बनाया जाना है. इसके बाद भी मरम्मत कराने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन 4 महीने बाद भी किसी ने टेंडर नहीं भरा है. अब विभागीय स्तर पर ही मरम्मत का काम कराया जाएगा.

मरम्मत और मुसीबत
इस सड़क की मरम्मत गुणवत्तापूर्ण नहीं हुई है. जिसके कारण लोग लगातार परेशान हो रहे हैं. सड़क के गड्ढों में मिट्टीनुमा मुरुम भर दिया गया है. भारी वाहन के चलने के कारण सड़क फिर से जर्जर हो चुकी है. जर्जर सड़क से धूल ना उड़े इसके लिए यहां एसईसीएल नियमित तौर पर पानी का छिड़काव कराता है. सड़क बनाने की दिशा में ठोस प्रयास नहीं हो रहे हैं, लेकिन सड़क पर पानी छिड़क कर सैकड़ों लीटर पानी जरूर बर्बाद किया जा रहा है.

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विधायक बोले जल्द काम होंगे
कटघोरा विधानसभा के विधायक पुरुषोत्तम कंवर का कहना है कि आदिवासी जिला होने के साथ ही साथ कोरबा औद्योगिक जिला भी है. जिसके कारण यहां भारी वाहनों का दबाव बना रहता है. सड़कों की स्थिति जर्जर है, यह सच है. लेकिन कई कार्यो के टेंडर हो चुके हैं. जल्द ही सड़कों के निर्माण का काम पूरा कर लिया जाएगा.

Last Updated : Dec 20, 2020, 7:10 PM IST

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