कोरबा:धान खरीदी केंद्रों से राइस मिलर धान उठाने से कतरा रहे हैं. इसका सीधा असर यह हो रहा है कि समितियों के पास धान संग्रहित करने के लिए जगह नहीं बची है. बफर लिमिट क्रॉस हो जाने के बाद बड़े किसानों को समिति टोकन देने से कतरा रही हैं. धान खरीदी की जटिल प्रक्रिया के बाद अब हालात चिंताजनक हो गए हैं. समितियों से धान का उठाव नहीं होने की स्थिति में धान खरीदी पर ग्रहण लग सकता है.
उठाव नहीं होने की समस्या जिले में लगातार बनी हुई है. प्रशासन ने दावा किया था कि जिले भर की 49 समितियों से 19,000 क्विंटल धान उठाव के लिए 74 राइस मिलर से अनुबंध हो चुका है, लेकिन उठाव की गति बेहद धीमी है. राइस मिलर्स समितियों में रखे किसानों के धान का समय पर उठाव नहीं कर रहे हैं. यदि समय पर उठाव नहीं हुआ तो धान समितियों में धान जाम होगा और नए किसानों से खरीदे गए धान को संग्रहित करने में परेशानी होगी. जिससे किसानों की परेशानी और बढ़ेगी.
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बड़े किसानों के नहीं काटे जा रहे हैं टोकन
बड़े किसानों के टोकन नहीं काटे जा रहे हैं, तो दूसरी तरफ फड़ प्रभारी भी दबी जुबान यह स्वीकार कर रहे हैं कि धान का उठाव जिस गति से होना चाहिए वैसा हो नहीं रहा है. जिसके कारण अभी लघु और सीमांत किसानों के ही टोकन काटे जा रहे हैं. ऐसे किसान जिनके पास 5 एकड़ से कम खेत है, उन्हें ही टोकन दिया जा रहा है. उन्हें हफ्ते भर या 15 दिन के बाद आने को कहा जा रहा है.