कोरबा: छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र में विपक्ष ने धान खरीदी का मुद्दा उठाया था. विपक्ष लगातार 1 नवंबर से धान खरीदी करने की मांग कर रहा था. सदन में धान खरीदी के पंजीयन की तारीख को भी बढ़ाने की मांग उठी थी. इस ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में धान और मक्का खरीदी के लिए किसानों के पंजीयन की अवधि दस दिनों के लिए बढ़ा दी है. अब खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के दौरान समर्थन मूल्य पर धान और मक्का बेचने वाले नए किसानों का पंजीयन 10 नवंबर तक किया जाएगा. पहले किसानों के पंजीयन की तारीख 31 अक्टूबर निर्धारित थी.
नए किसानों को पंजीयन के लिए क्षेत्र की सहकारी समिति से आवेदन लेकर निर्धारित प्रारूप में आवेदन भरकर संबंधित दस्तावेजों के साथ तहसील कार्यालय में जमा करना होगा. आवेदन में दिए गए भूमि, धान-मक्का के रकबे और खसरे का पटवारी की ओर से राजस्व रिकाॅर्ड के मुताबिक सत्यापन किया जाएगा. सत्यापन के लिए राजस्व विभाग के भुईयां डाटा बेस का भी उपयोग किया जाएगा. संबंधित रिकाॅर्ड को तहसीलदार के परीक्षण करने के बाद नए किसान का पंजीयन किया जाएगा. पंजीयन के दौरान सभी किसानों का आधार नंबर उनकी सहमति से दर्ज किया जाएगा. आधार नंबर नहीं होने के कारण किसी भी किसान को पंजीयन से वंचित नहीं किया जाएगा.
तेजी से किया जा रहा है रकबे का सत्यापन
कोरबा जिले में अभी तक 3 हजार 206 नए किसानों ने धान बेचने के लिए समितियों में अपना पंजीयन कराया है. धान और मक्का बेचने के लिए पुराने पंजीकृत किसानों को फिर से पंजीयन कराने समिति में आने की जरुरत नहीं है. बीते साल 27 हजार 694 किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए सहकारी समितियों में पंजीयन कराया था. इन्हें मिलाकर इस साल नये-पुराने 30 हजार 900 किसानों के खेतों में लगे धान के वास्तविक रकबे का सत्यापन तेजी से किया जा रहा है और उसे खसरे में इंद्राज किया जा रहा है.
राजस्व विभाग के मैदानी अमला कर रहा है सत्यापन का काम