कोरबा: छत्तीसगढ़ में कोरोना को हराने के लिए जंग जारी है. इस जंग में वो जांबाज़ भी मैदान में है जो अपनी तकलीफ़ों को भूलकर इस जंग के मैदान में कूद पड़े हैं.
कोरोना की कर्मवीर बनीं राधा कोरबा के कटघोरा में एक ऐसी ही जांबाज़ लैब टैक्नीशियन राधा रायगढ़ चपले से आई हुई हैं. राधा का दाहिना हाथ एक हादसे की वजह से टूट चूका है. उनका दाहिना हाथ फ्रैक्चर है. दो बार के ऑपरेशन के बाद भी हाथ की हड्डियां अब तक नहीं जुड़ पाई है. उनका हाथ अब भी पूरी तरह से मुड़ नहीं पता है.
150 सैंपल ले चुकी हैं राधा
सैंपलिंग के लिए राधा दूसरे हाथ का सहारा लेती हैं. जिस प्रभावित इलाके में किसी के जाने की हिम्मत नहीं होती वहां राधा और उसके जैसे 15 लैब टेक्नीशियन अपनी जान जोखिम में डाल सैंपल लेने पहुंचते है. इस डर से दूर की इनकी जरा सी चूक इनको कोरोना पॉजिटिव बना सकती है. लेकिन इनके हौसले के आगे हर कोई भी बौना हो जाता है. कोरबा जिले में राधा ने 1300 सैंपल में से अकेले 150 सैंपल लिए हैं.