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कोरबा में आपदा में फायदा उठा रहे निजी एंबुलेंस चालक, वसूल रहे हैं मनमाना पैसा

कोरोना मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. कोरोना मरीजों को हॉस्पिटल तक पहुंचाने के लिए सरकारी एंबुलेंस की कमी है. इसका फायदा उठाकर निजी एंबुलेंस चालक कैसे मनमानी कर रहे हैं, देखिए ये रिपोर्ट...।

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कोरोना काल में इंसानियत शर्मसार, निजी एंबुलेंस ऑपरेटर्स वसूल रहे मनमाना किराया

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Published : May 7, 2021, 10:56 PM IST

Updated : May 8, 2021, 4:36 PM IST

कोरबा: देशभर में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है. मदद के लिए लोग एक दूसरे की तरफ हाथ बढ़ा रहे हैं. कुछ ऐसे भी लोग हैं जो महामारी के वक्त बुरे हाल का फायदा उठाते हुए दिखाई दे रहे हैं. जरूरी दवाइयां, ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर एंबुलेंस तक कोविड मरीजों के परिवार वालों से मुंह मांगा किराया वसूल कर रहे हैं. हाल ही में गुरुग्राम में एक एंबुलेंस चालक ने कोरोना मरीज को लुधियाना ले जाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये किराया वसूलने का मामला सामने आया है.

कोरबा में आपदा में फायदा उठा रहे निजी एंबुलेंस चालक, वसूल रहे हैं मनमाना पैसा

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. सरकारी एंबुलेंस की कमी का फायदा निजी एंबुलेंस ऑपरेटर्स उठा रहे हैं. ETV भारत कई चुनौतियों के बीच जो रिपोर्ट आपके लिए लाया है, वो आपको ये सोचने पर मजबूर कर देगी कि पैसे के लिए कुछ लोग कहां तक गिर सकते हैं.

70 किलोमीटर के लिए 7 हजार रुपए

ETV भारत की पड़ताल में सामने आया कि कोरबा में निजी एंबुलेंस ऑपरेटर्स मरीजों को अस्पताल ले जाने के मनमाना किराया वसूल रहे हैं. ETV भारत की टीम ने एक निजी एंबुलेंस ऑपरेटर्स से बात की. जहां 70 किलोमीटर दूर जाने के लिए एंबुलेंस ऑपरेटर्स ने 7 हजार रुपए वसूलने की बात बताई.

आधा किलोमीटर के लिए 1 हजार रुपए

वहीं एक मरीज के परिजन ने बताया कि उनके बड़े भाई सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं. जिन्हें सीटी स्कैन के लिए जिले के ही न्यू कोरबा अस्पताल जाना था. यहां की दूरी महज़ आधा किलोमीटर है. इसके लिए भी एक निजी एंबुलेंस कर्मी ने एक हजार रुपए की मोटी रकम वसूल रहे हैं. ऐसे कई उदाहरण हैं, जिसमें बेहद कम दूरी के लिए निजी एंबुलेंस कर्मी बेहद ज्यादा पैसे वसूल रहे हैं.

सरकारी एंबुलेंस की कमी

वर्तमान में कोरबा जिले में 11 सरकारी 108 संजीवनी एंबुलेंस हैं. वर्तमान में इन सभी के जरिए कोरोना मरीजों को अस्पतालों तक पहुंचाया जा रहा है. 102 महतारी एक्सप्रेस भी सरकारी एंबुलेंस के ही श्रेणी में आती है, लेकिन उन्हें कोरोना की ड्यूटी से अलग रखा गया है. अब कोरोना वरीज को अस्पताल तक पहुंचाने की पूरी जिम्मेदारी 108 संजीवनी एक्सप्रेस की है. जिनकी संख्या जिले में कुल मिलाकर सिर्फ 11 है. सरकारी एंबुलेंस की कमी का फायदा निजी एंबुलेंस संचालक उठा रहे हैं. वर्तमान में निजी एंबुलेंस चलाने वालों के दाम और तेवर दोनों ही बढ़े हुए हैं. सामान्य दिनों में जिन दरों पर वह मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाते हैं. वर्तमान में वह सीधे-सीधे दोगुने हो चुके हैं.

16-16 घंटे चला रहे एंबुलेंस

सरकारी एंबुलेंस चलाने वाले ऑपरेटरों पर इन दिनों काफी दबाव है. वह हर दिन 12 से लेकर 16-16 घंटों तक काम कर रहे हैं. यह स्वीकार भी कर रहे हैं कि मरीजों की तादाद अधिक होने के कारण कई बार उन्हें मरीजों को छोड़ना पड़ता है. परिस्थितियां ऐसी निर्मित हो जाती हैं कि एक साथ 4 या 5 मरीजों को बिठाकर वह अस्पताल तक पहुंचाते हैं. इससे संक्रमण का खतरा भी काफी हद तक बढ़ जाता है. हालांकि पीपीई किट जैसे सुरक्षागत सामान उन्हें पर्याप्त संख्या में मुहैया कराए गए हैं. वर्तमान में जरूरतमंद मरीजों की तादाद अधिक है. उन्हें किसी भी हाल में अस्पताल पहुंचना होता है . निजी वाहन हैं तो ठीक वरना ऑटो या एंबुलेंस की तलाश की जाती है. ऐसे में निजी एंबुलेंस जरूरत के समय ज्यादा दाम वसूले जा रहे हैं.

शिकायत मिलने पर करेंगे कार्रवाई: SDM

निजी एंबुलेंस ऑपरेटर्स की ओर से ज्यादा किराया वसूलने को लेकर एसडीएम संजय मरकाम ने बताया कि उनके पास फिलहाल ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है. अगर ऐसी शिकायत मिलती है तो आरटीओ अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि जो निर्धारित दर है उन्हीं के तहत पैसे लिए जाने चाहिए.

Last Updated : May 8, 2021, 4:36 PM IST

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