रायपुर/बिलासपुर/कोरबा: देश के कोयला सचिव अमृत लाल मीणा छत्तीसगढ़ के दौरे पर हैं. यहां उन्होंने कोल खदानों और कोल प्रोजेक्ट को लेकर लगातार अधिकारियों के साथ बैठक की है. रायपुर में अधिकारियों से मीटिंग के बाद कोयला सचिव अमृत लाल मीणा ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि कोरबा की गेवरा कोल खदान को एशिया की सबसे बड़ी कोल माइंस के रूप में विकसित करने की योजना है.
कोयला सचिव ने क्या कहा: कोयला सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि" गेवरा मेगा परियोजना हाल ही में सालाना 50 मिलियन टन कोयला उत्पादन हासिल करने वाली देश की पहली खदान बन गई है. अब सरकार ने वर्तमान में सालाना 70 मिलियन टन उत्पादन प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए इस खदान का विस्तार किया जा रहा है. जो इसे एशिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक खदान बना देगा."
कई कोल परियोजनाओं को लेकर हुई चर्चा: इस मीटिंग में कई कोल परियोजनाओं को लेकर चर्चा हुई है. जिसमें गेवरा, दीपका और कुसमुंडा जैसी एसईसीएल की मेगा परियोजनाओं पर मंथन किया गया. इसके साथ ही पर्यावरण मंजूरी, वन मंजूरी, भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और इससे जुड़े सहयोग पर भी चर्चा हुई है.
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बिलासपुर में भी चला बैठकों का दौर: इसके बाद कोयला सचिव अमृत लाल मीणा बिलासपुर गए. उन्होंने यहां दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारियों के साथ चर्चा की. मीणा ने पूर्व रेलवे और छत्तीसगढ़ पूर्व पश्चिम रेलवे की रेल परियोजनाओं की समीक्षा की. एसईसीएल रायगढ़ क्षेत्र में छल रेल साइडिंग का कोयला सचिव ने उद्घाटन किया.फिर रेल रैक को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इसके बाद दो रेल गलियारों की प्रगति का भी उन्होंने जायजा लिया. इस दौरान एसईसीएल मुख्यालय में एसईसीएल के सीएमडी प्रेम सागर मिश्रा की मौजूदगी में रेलवे एसईसीआर के महाप्रबंधक आलोक कुमार मौजूद रहे. रेलवे रैक की उपलब्धता, कोयला ढुलाई के तरीके और एसईसीएल की रेल परियोजनाओं पर चर्चा की गई.
सोर्स: एजेंसी