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कोरबा में कोरोना की तीसरी लहर ने निपटने के लिए क्या हैं इंतजाम ?

कोरोना की संभावित तीसरी लहर (corona third wave) को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है. स्वास्थ्य विभाग (korba health department) ने कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Korba Medical College hospital) परिसर में मौजूद ट्रामा सेंटर को चाइल्ड कोविड अस्पताल के तौर पर संचालित करने की कार्य योजना तैयार की है. वर्तमान में यहां 10 बेड वेंटिलेटर सहित तैयार हैं. इसकी संख्या और भी बढ़ाई जा सकती है.

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कोरबा में कोरोना की तीसरी लहर ने निपटने के लिए क्या हैं इंतजाम

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Published : Jul 2, 2021, 11:08 PM IST

कोरबा: कोरोना की तीसरी लहर (corona third wave) की चर्चा है. संभावना ऐसी है कि इसी लहर में बच्चे सर्वाधिक प्रभावित होंगे. यदि ऐसा होता है तो जिले में स्वास्थ्य विभाग (korba health department) को सुदृढ़ करना बेहद जरूरी होगा. स्वास्थ्य विभाग के पास बच्चों के विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद रिक्त हैं. कुछ विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती जरूर की गई है. स्वास्थ विभाग इन्हीं के भरोसे कोरोना से लड़ाई का दम भर रहा है.

कोरबा में कोरोना की तीसरी लहर ने निपटने के लिए क्या हैं इंतजाम

ट्रामा सेंटर को बनाया जाएगा बच्चों का वार्ड

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एसएनसीयू यूनिट संचालित है, लेकिन वहां केवल 3 माह तक के बच्चों को ही इलाज की सुविधा मिलती है. इसे कोविड वार्ड में कन्वर्ट नहीं किया जाएगा. इसे सामान्य तौर पर गर्भवती महिलाओं के लिए आरक्षित रखा गया है. जहां पैदा होते ही बच्चों को 3 माह की उम्र तक का इलाज मिलेगा. इस वार्ड को कोरोना से दूर रख सामान्य इलाज के लिए आरक्षित रखा जाएगा. मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में संचालित ट्रामा सेंटर को स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों के कोविड अस्पताल के तौर पर संचालित करने की योजना बनाई है.

दूसरी लहर में 14 फीसदी बच्चे संक्रमित

कोरबा मेडिकल कॉलेज (Korba Medical College) के मुताबिक, तीसरी लहर की संभावना व्यक्त की जा रही है. जिसमें बच्चे और किशोर अधिक संख्या में संक्रमित होंगे. खतरा इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि दूसरी लहर में जिले में करीब 1 से 17 साल तक की उम्र के बच्चे काफी तादाद में संक्रमित हुए हैं. कुल संक्रमितों में इनकी तादाद 14 फीसदी है. हालांकि बच्चों का इम्युनिटी सिस्टम बुजुर्गों से ज्यादा मजबूत होता है. इस वजह से कोई मौत नहीं हुई.

कोरोना की तीसरी लहर : बच्चों के लिए क्या खास तैयारी कर रहा है छत्तीसगढ़ का स्वास्थ्य विभाग ?

जिले में शिशु रोग विशेषज्ञ के 8 पद कई साल से खाली

जिले के स्वास्थ्य विभाग में शिशु रोग विशेषज्ञ के स्वीकृत सभी 8 पद सालों से खाली हैं. जिला खनिज न्यास मद से संविदा के आधार पर दो शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है. इनके भरोसे ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल का शिशु रोग विशेषज्ञ विभाग काम कर रहा है. ऐसे में यदि जानकारों की ओर से तीसरी लहर के संबंध में व्यक्त की गई संभावना सच होती है, तो मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

10 बेड विथ वेंटीलेटर सहित तैयार

स्वास्थ विभाग ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में मौजूद ट्रामा सेंटर को चाइल्ड कोविड अस्पताल के तौर पर संचालित करने की कार्य योजना तैयार की है. वर्तमान में यहां 10 बेड वेंटिलेटर सहित तैयार हैं. इसकी संख्या और भी बढ़ाई जा सकती है. जिले में वर्तमान में पर्याप्त वेंटीलेटर मौजूद हैं. जरूरत पड़ी तो सभी की मदद ली जाएगी. कोरोना की पहली और दूसरी लहर से निपटने के लिए प्रशासन ने ईएसआईसी अस्पताल को कोरोना अस्पताल के तौर पर संचालित किया था. इसे भी आईसीयू यूनिट के तौर पर तैयार किया गया है. स्वास्थ्य विभाग की मानें तो उन्होंने तीसरी लहर से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है.

ऑक्सीजन मास्क की नहीं है कमी

कोरबा जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO KORBA) डॉक्टर बीबी बोर्डे ने बताया कि जिले में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं है. तीसरे लहर से निपटने के लिए हमने तैयारी पूरी कर ली है. वेंटीलेटर हो या कोविड अस्पताल सभी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी. जिले में ऑक्सीजन मास्क भी कोई कमी नहीं है.

निजी चिकित्सकों के लिए बैठक

जिले में है बच्चों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की कोई कमी नहीं है. जिला अस्पताल में भले ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी हो, लेकिन जिले में निजी चिकित्सक मौजूद हैं. जो बच्चों का इलाज करते हैं. चिकित्सकों के साथ स्वास्थ विभाग ने बैठक की है. जरूरत पड़ने पर उनसे मदद लेने पर सहमति बनी है. निजी चिकित्सकों ने भी जरूरत पड़ने पर हर संभव मदद मुहैया कराने की बात कही है.

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